हथेली के इन चिन्ह का भाग्य पर पड़ता है नेगेटिव प्रभाव
हथेली पर पाए जाने वाले रेखा समीकरणों के अध्य्यन करने से व्यक्ति के भाग्य का अनुमान लगाया जाता है।
ज्योतिष विज्ञान में हथेली के जिन चिन्हों को भाग्य पढ़ने में विशेष स्थान दिया गया है। उनमें से एक है द्वीप का चिन्ह है।
यह एक नेगेटिव प्रभाव डालता है। जो हमेशा अशुभ फल देता है, द्वीप का चिन्ह।
तर्जनी अंगुली के नीचे गुरु पर्वत होता है। यदि गुरु पर्वत पर द्वीप का चिन्ह बना हो, तो व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर रहता है। वह स्वयं अपने आप पर ही भरोसा नहीं करता और समाज में पिछड़ा ही बना रहता है।
अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य पर्वत होता है। सूर्य पर्वत पर द्वीप का चिन्ह व्यक्ति को निराशावादी बनाता है। ऐसे व्यक्ति जीवन के हर पहलू को निराशावादी दृष्टिकोण से देखते हैं और भयंकर चिड़चिड़े हो जाते हैं।
कनिष्ठिका अंगुली के नीचे बुध पर्वत होता है। इस पर्वत पर द्वीप का चिन्ह आर्थिक दृष्टि से भयंकर हानिकारक होता है। ऐसे व्यक्ति को व्यापार में भारी क्षति उठानी पड़ती है। ऐसे जातक समाज में अपयश के भागी होते हैं।
हथेली पर द्वीप का चिन्ह हर तरह से ऋणात्मक प्रभाव पैदा करता है। यह चिन्ह हथेली में जिस जगह पर होता है, उसके प्रभाव को कमजोर करने का ही काम करता है।
चंद्र पर्वत पर द्वीप का चिन्ह व्यक्ति को घोर निर्दयी और बुद्धि से कुंद बनाता है। ऐसा व्यक्ति हृदय से क्रूर होता है और अपनों पर भी अत्याचार करने से बाज नहीं आता। ऐसे जातक लाख प्रयास के बाद भी बुद्धिशून्य ही बने रहते हैं। जीवन में उनके विकास के अवसर ना के बराबर होते हैं।
शुक्र पर्वत पर द्वीप का चिन्ह पारिवारिक जीवन के लिए घातक माना जाता है। ऐसे जातक का विवाह नहीं होता और यदि हो भी जाए तो ज्यादा दिन टिकता नहीं है।
सूर्य रेखा पर द्वीप का चिन्ह जीवन में लगातार परेशानियां बनी रहने की ओर संकेत करता है। ऐसे जातक जीवन में एक से अधिक बार बदनामियों का सामना करते हैं।
शनि पर्वत तक यानी मध्यमा अंगुली तक जाने वाली रेखा भाग्य रेखा कहलाती है। इस पर बना द्वीप का चिन्ह व्यक्ति का भाग्य ही डुबो देता है। ऐसे जातक भाग्यहीन होते हैं और पूरा जीवन घोर कठिनाइयों में काटते हैं।
यात्रा रेखा चंद्र पर्वत पर होती है। इस पर द्वीप का चिन्ह बना हो, तो व्यक्ति यात्रा में ही मृत्यु को प्राप्त करता है। विवाह रेखा पर द्वीप का चिन्ह सौभाग्य हीनता का सूचक होता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अतिशीघ्र अपने प्रिय की मृत्यु का आघात सहन करना पड़ता है।
स्वास्थ्य रेखा पर द्वीप का चिन्ह बना हो तो व्यक्ति जीवन भर बीमारियों से घिरा रहता है। बीमारियां बदल-बदलकर उसे अपना शिकार बनाती रहती हैं। उसका जीवन अपार कष्ट में बीतता है।