हमारा सरोकार बस लोया की मौत के मामले तक : सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बहुत ही साफ और स्पष्ट शब्दों में यह कहा कि उसका सरोकार सिर्फ विशेष सीबीआइ न्यायाधीश बीएच लोया की मृत्यु के मामले तक है और वह सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड में आरोपियों को आरोपमुक्त करने सहित दूसरे पहलुओं पर गौर नहीं करेगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाइ चंद्रचूड़ के तीन सदस्यीय खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि हमारे सामने विचारणीय विषय यह है कि क्या इस मामले में और आगे जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। पीठ न्यायाधीश लोया की 2014 में हुई मृत्यु की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश लोया की एक दिसंबर, 2014 को नागपुर में हृदयगति रुक जाने से मृत्यु हो गई थी जब वे अपने एक सहयोगी की पुत्री के विवाह में शामिल होने गए थे। न्यायाधीश लोया की मृत्यु के बाद विशेष न्यायाधीश एमबी गोसावी ने इस मुकदमे की सुनवाई शुरू की ओर उन्होंने कई आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया था।
पीठ के समक्ष जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो एक वकील ने कहा कि उसने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसे अब शीर्ष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है।

इस वकील ने जब न्यायालय से अनुरोध किया कि उसकी याचिका पर नोटिस जारी किया जाना चाहिए तो पीठ ने कहा, हम आपको बहस की अनुमति देंगे। नोटिस जारी करने का सवाल नहीं है। पीठ ने कहा, हमारा सरोकार सिर्फ न्यायाधीश की मृत्यु को लेकर है। हम दूसरे मामलों पर नहीं गौर करेंगे। यह संदेश स्पष्ट और साफ तरह से जाना चाहिए। इस मामले में अब पांच फरवरी को आगे सुनवाई होगी।

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