हमें अरुणाचल जाने का अधिकार : भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन के एतराज जताए जाने पर भारत ने शुक्रवार को सख्त प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि इसके नेताओं और लोगों को इस पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा करने का अधिकार है। साथ ही, इसने जोर देते हुए कहा कि यह भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। मोदी ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी, जिसके बाद चीन ने भारत से ऐसा कोई कार्य करने से बचने को कहा था जो सीमा से जुड़े मुद्दे को पेचीदा बना सकता हो।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने चीनी एतराज के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। हमारे नेताओं और लोगों को अरुणाचल की यात्रा करने का अधिकार है।’ अरुणाचल प्रदेश की मोदी की यात्रा पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा था कि चीन सरकार ने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी और वह विवादित इलाके में भारतीय नेताओं की यात्रा का दृढ़ता से विरोध करता है। शुआंग के हवाले से सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यह कहा। भारत – चीन सीमा विवाद 3,448 किमी लंबी सीमा को लेकर है। दोनों देशों ने इस मुद्दे के हल के लिए अपने – अपने विशेष प्रतिनिधियों के मार्फत 20 दौर की वार्ता की है।
गौरतलब है कि चीन के विरोध के साए के बीच मोदी ने गुरुवार को इस सीमावर्ती राज्य का दौरा किया और लोगों के देशभक्ति के जज्बे की सराहना की। पिछले साल डोकलाम में चीनी सैनिकों के साथ हुए सेना के गतिरोध के बाद प्रधानमंत्री की इस सीमावर्ती राज्य की यह पहली यात्रा थी। इससे पहले मोदी ने फरवरी, 2015 में अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताकर उसपर दावा करता है।
मोदी ने सिविल सचिवालय के भवन को लोगों को समर्पित किया, टोमो रीबा इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंस के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी और दोरजी खांडू राज्य कनवेंशन सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने यहां जनसभा में कहा, अरुणाचल प्रदेश की मेरी यात्रा राज्य की तीन अहम परियोजनाओं के संबंध में है। सचिवालय पहले ही चालू हो चुका है और यह राज्य सरकार द्वारा उठाया गया अच्छा कदम है। उन्होंने यह कहते हुए अरुणाचल प्रदेश के लोगों के देशभक्ति के जज्बे की प्रशंसा की कि वे ‘जय हिंद’ कहकर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं।