हरियाणा की दसों सीटों पर हो भाजपा का कब्जा : शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा के जींद जिले से मिशन 2019 का बिगुल फूंकते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को आह्वान किया है कि इस बार वह लोकसभा की सभी दस सीटों पर भगवा फहराएं। जींद से विजय का संकल्प दिलाते हुए शाह ने कार्यकर्ताओं से हाथ खड़े करवाकर जहां आगामी लोकसभा चुनाव जीतने का प्रण लिया, वहीं उन्होंने मंच से इस बात के लिए अफसोस जताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में थोड़ी-सी चूक की वजह से भाजपा को तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश में ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ जिसमें हरियाणा के वीरों ने बलिदान न दिया हो। आज अगर भारत अनाज उत्पादन के क्षेत्र में स्वायत्त बना है, तो इसका श्रेय हरियाणा को जाता है। हरियाणा के किसान और जवान आज पूरी दुनिया में पहचान बना चुका है। अपने बेहद संक्षिप्त भाषण में शाह ने उन सभी योजनाओं का ब्योरा पेश किया, जिनके माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा को वित्तीय अनुदान जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि वह विपक्षी दलों के बजाय कार्यकर्ताओं को हिसाब देना पसंद करते हैं। उन्होंने आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यकाल के मुकाबले अधिक धनराशि जारी की है।
अमित शाह ने भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आज विरोधी भी भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगा सकते हैं। वह समय बीत गया जब हरियाणा में तबादला उद्योग चलता था। इससे पहले अमित शाह का यहां पहुंचने पर स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान पारदर्शिता से कार्य करते हुए पिछले सरकार के कार्यकाल के गढ्ढे भरने का काम किया।
आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका भाजपा में सत्ता व संगठन के तमाम नेताओं को पिछले कई दिनों से थी। बृहस्पतिवार को जींद में शाह की रैली में जब दावों के अनुरूप भीड़ नहीं जुटी तो मुख्यमंत्री खट्टर से लेकर अमित शाह तक तमाम नेताओं ने अपना भाषण जल्द से जल्द समेटना ही बेहतर समझा। युवा हुंकार रैली भाजपा की प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई थी। इस रैली के माध्यम से न केवल हरियाणा में, बल्कि पूरे देश में मिशन 2019 को शुरू करने का दावा किया जा रहा था। भाजपा के तमाम दावे उस समय फेल होते दिखाई दिए, जब मंच से भाषण देने वाले नेताओं ने पहले इसे हुंकार रैली कहकर संबोधित किया और दोपहर होते-होते भाजपा नेता इसे जनूनी कार्यकर्ताओं की रैली बताते रहे। अमित शाह ने जब अपने भाषण का अंत किया तो उन्होंने इस रैली को कार्यकर्ताओं को जमावड़ा करार दिया।