हरियाणा में चार बीजेपी विधायकों की सदस्यता खतरे में, हाई कोर्ट ने दी तीन महीने की मोहलत

हरियाणा के चार बीजेपी विधायकों की सदस्यता खतरे में है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को सक्षम प्राधिकरण तक तीन महीने के अंदर मामले को पहुंचाने का आदेश दिया है। बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद पिछले महीने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा के चार बीजेपी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांगवाली याचिका दायर हुई थी। हरियाणा सरकार ने भी इन चारों विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था।

पिछले साल हाई कोर्ट ने हरियाणा में इन संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक और गैर कानूनी करार देते हुए रद्द कर दिया था। बीजेपी के जिन चार विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटक रही है उनमें श्याम सिंह राणा, बख्शिश सिंह विर्क, सीमा त्रिखा और कमल गुप्ता हैं जिन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जुलाई 2015 में मुख्य संसदीय सचिव बनाया था। तब मुख्यमंत्री ने खुद इन विधायकों को संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई थी।

इन नियुक्तियों को अवैध और असंवैधानिक करार देते हुए एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। आप विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद भट्टी ने पिछले महीने होई कोर्ट में फिर से याचिका दायर कर हरियाणा के इन चारों बीजेपी विधायकों की सदस्यता तुरंत रद्द करने की गुजारिश की थी।

बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले महीने दिल्ली के 20 आप विधायकों की सदस्यता लाभ का पद मामले में रद्द करने की सिफारिश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया था। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इन विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई। फिलहाल इनमें से कुछ विधघायकों ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सदस्यता रद्द करने को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई होने तक इनकी सीटों पर विधान सभा चुनाव कराने पर रोक लगा रखी है।

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