हरियाणा: लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के ये रहे संकेत, बीजेपी मंत्रियों को मिले खास निर्देश

आगामी लोकसभा चुनाव में करीब 10 महीने का वक्त रह गया है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। खासकर केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी ने मिशन 2019 का अनौपचारिक आगाज कर दिया है। अगले साल आम चुनावों के अलावा 8 राज्यों (हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश) में भी विधान सभा चुनाव होने हैं। इनमें से पांच राज्यों में बीजेपी या उसके गठबंधन की सरकार है। लिहाजा, माना जा रहा है कि इन राज्यों में लोकसभा के साथ ही विधासभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं। हरियाणा में भी अगले साल विधान सभा चुनाव हैं। ऐसा लगता है कि मनोहर लाल खट्टर सरकार वहां लोकसभा के साथ ही चुनाव चाहती है। इसके लिए खट्टर ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है बल्कि अपने मंत्रियों को भी खास निर्देश दिए हैं। बीजेपी ने वहां जीत का रोडमैप खींचते हुए सभी मंत्रियों को फील्ड में उतारा है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि विभागीय अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें कर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट लें और उसे जनता के बीच बताएं। बीजेपी सरकार की तरफ से कहा गया है कि सभी मंत्री अपने-अपने विभाग की योजनाओं, उसके पूर्ण होने या अद्यतन स्थिति और उससे लोगों को होने वाले फायदे के बारे में लोगों को बताएं।

बता दें कि हरियाणा सरकार पहले ही सभी जिला उपायुक्तों को मासिक आधार पर प्रगति रिपोर्ट जारी करने की आदेश दे चुकी है। अब सभी मंत्री भी इसी तर्ज पर ऐसा करेंगे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने रोस्टर प्रणाली के तहत अपने सभी मंत्रियों को ड्यूटी पर लगाया है जिसके तहत सभी मंत्री सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को मीडिया के सामने पेश होंगे और अपना-अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। इन मंत्रियों को भविष्य की योजनाओं के बारे में भी अवगत कराने को कहा गया है। इन मंत्रियों के साथ मुख्य सचिव या विभागों के प्रधान सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव भी मीडिया के सामने होंगे।

वैसे तो राज्य में विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में होने हैं लेकिन मनोहर लाल खट्टर सरकार के इन दिशा-निर्देशों से इस संभावना को बल मिला है कि सरकार चुनावी मोड में आ चुकी है। हालांकि, सरकार के लोग कह रहे हैं कि चुनाव निर्धारित समय पर होंगे लेकिन विपक्ष इस बात से इनकार कर रहा है और बीजेपी की ही तरह तैयारियों में जुट गया है। बता दें कि 2014 के चुनाव में हरियाणा की 90 सदस्यीय विधान सभा में बीजेपी को 47 सीटें मिली थीं। उसे कुल 43 सीटों का फायदा हुआ था। इंडियन लोकदल को 19 और सत्तारूढ़ कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं। उस वक्त कांग्रेस को सबसे ज्यादा 25 सीटों का नुकसान हुआ था, जबकि इनेलो को 12 सीटों का नुकसान हुआ था। हरियाणा जनहित कांग्रेस को 2 और बीएसपी एवं अकाली दल को एक-एक सीट पर जीत मिली थी। पांच निर्दलीय भी चुनाव जीतने में सफल रहे थे।

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