हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाएगी भारत सरकार, कांग्रेस ने कहा- हिपोक्रेसी,
“यह हर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है जो आपातकाल की ज़्यादतियों की वजह से उत्पीड़ित हुए. कांग्रेस ने भारतीय इतिहास में ये काला दौर शुरू किया था.”
पीएम मोदी की ये टिप्पणी गृह मंत्री अमित शाह की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाए जाने की घोषणा के बाद आई है.
कांग्रेस ने भारत सरकार के स्तर पर किए गए इस फ़ैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री एक बार फ़िर हिपोक्रेसी से भरी एक हेडलाइन बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों एवं संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया है.”
भारत सरकार की अधिसूचना
भारत सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है.
केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई गज़ट अधिसूचना में कहा गया है, “जबकि, 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, तत्पश्चात उस समय की सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों को ज़्यादतियां और अत्याचार किए गए.”
“और जबकि भारत के लोगों को भारत के संविधान और भारत के लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है; इसलिए, भारत सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है.”
“और भारत के लोगों को, भविष्य में, किसी भी तरह से सत्ता के घोर दुरुपयोग का समर्थन नहीं करने के लिए पुन: प्रतिबद्ध किया है.”
गृह मंत्री ने क्या कहा ?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर गजट पत्र जारी करते हुए लिखा, “25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था.”
“लाखों लोगों को बिना किसी वज़ह के जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज़ को दबा दिया गया. भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है.”
उन्होंने लिखा, “यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण कराएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था.”
उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं और उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया.”
अमित शाह ने लिखा, “संविधान हत्या दिवस हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए.”