हाई कोर्ट ने कहा- पत्‍नी को गुजारा भत्‍ता दो, पति ने अदालत में लगा दिया सिक्‍कों का ढेर

अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश आरके शर्मा की कोर्ट में ऐसा वाकया हुआ कि वह खुद भौंचक रह गए। मंगलवार (24 जुलाई) को लंच के बाद जब कामकाज शुरू हुआ तो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक वकील ने 25,000 रूपये के एक और 2 के सिक्कों से भरा बैग अदालत के सामने लाकर रख दिया। बैग इतना भारी था कि उसे वकील के अलावा दो अन्य लोगों को भी खींचकर कोर्ट तक लाना पड़ा।

दरअसल जब अदालत की कार्रवाई शुरू हुई तो उनके सामने मुकदमा पेश किया गया। ये मुकदमा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के तलाक का था। वकील की पत्नी ने दायर किया था। उसने अपने पति से 25,000 रुपये गुजारा-भत्ता देने की मांग की थी। कोर्ट ने इस संबंध में पत्नी की गुजारा भत्ते की मांग को स्वीकार कर लिया।

ये मामला साल 2015 से ही विचाराधीन चल रहा है। यद्यपि कोर्ट ने वकील से कहा कि वह सिक्कों को करंसी नोट में बदलवाकर जमा कर दे। वकील ने इस पर असमर्थता जता दी। वहीं दूसरी ओर वकील की पत्नी ने आरोप लगाया कि वह 25,000 रुपये के सिक्के कोर्ट में लाकर कोर्ट का मजाक उड़ा रहे हैं। उसने यह भी कहा कि ये उसे प्रताड़ित और उत्पीड़ित करने की एक और चाल है।

हालांकि कोर्ट के पास सिक्के गिनने के लिए अधिक वक्त नहीं था, इसलिए केस को 27 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया। वहीं वकील ने कहा,”मैं पहले भी अपनी पत्नी को गुजारा-भत्ता की रकम दे चुका हूं। लेकिन आज, मेरे पास देने के लिए करंसी नोट नहीं थे। इसलिए मुझे पैसे जिस भी प्रकार में मिले मैं उन्हें लेकर आ गया। ये सिक्के भी मैंने उस धार्मिक संस्थान से मांगकर लिए हैं, जहां मैं सेवा करता हूं।

वकील ने कहा कि कानून में ऐसा कोई विधान नहीं है कि गुजारा-भत्ता किस रूप में दिया जाए। उसे 25,000 रुपये मुझे देने हैं और मैं उसी प्रकार से लेकर आया हूं, जो मेरे पास है। हालांकि जब कोर्ट की कार्रवाई स्थगित हो गई तो वकील के दो जूनियर वकील बैग को घसीटकर कोर्ट के स्टाफ रूम में ले गए और सिक्कों को गिनना शुरू कर दिया। गिनने के बाद सिक्कों की कुल कीमत 24,600 रुपये निकली। इसके बाद वकील ने अपनी जेब से 100 रुपये के चार नोट निकालकर बैग में डाल दिए। चूंकि कोर्ट ने दो दिन बाद सुनवाई का फैसला किया था, इसलिए वकील अपने बैग को साथ ले गया।

इस जोड़े के बीच जारी मुकदमे की सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि वकील अपने पत्नी को हर महीने 25 हजार रुपये महीने गुजारा—भत्ता देगा। महिला ने कहा कि वह आॅस्ट्रेलिया में रह रही है और वह 2014 में भारत आई थी। उसने उसी साल 8 फरवरी को अपनी शादी की थी। हमारी शादी कुल तीन महीने भी नहीं चल सकी।

मई महीने में मेरे पति ने न्यायिक रूप से अलगाव के लिए मुकदमा दायर कर दिया। हालांकि उसने ये याचिका 8 फरवरी 2015 को वापस ले ली। इसके बाद फिर से उसने अक्टूबर 2015 को तलाक का मुकदमा दायर कर दिया। इसके बाद मैंने अपने पति से गुजारा भत्ता की मांग की। फरवरी 2018 में जब हाई कोर्ट ने मेरे पति को महीने का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया तो ये वही पैसे थे जो वह कोर्ट का मजाक उड़ाने के लिए सिक्के की शक्ल में लाया था। ये बातें महिला ने चंडीगढ़ न्यूजलाइन को बताईं।

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