हाई कोर्ट ने 24 जजों की लगाई क्लास, पूछा-वक्त पर क्यों नहीं आए

दिल्ली हाई कोर्ट के 6 वरिष्ठ जजों की एक टीम के औचक निरीक्षण के बाद रोहिणी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कॉम्प्लेक्स के 24 जजों को नोटिस दिया गया है। इन 24 जजों को कोर्ट की कार्यवाही समय पर नहीं शुरू करने के चलते यह नोटिस दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट की टीम के निरीक्षण के दौरान ये जज अपनी डायस(सीट) से गायब थे। निरीक्षण बीते 31 अगस्त, सुबह 10 बजे किया गया था। जिन जजों को नोटिस दिया गया उनमें से कई डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सेशन कोर्ट के जज हैं और कुछ मजिस्ट्रेट भी हैं। दिल्ली हाई कोर्ट की कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने इन 24 जजों के खिलाफ नोटिस जारी किए। नोटिस में जजों से पूछा गया है कि क्यों वे निरीक्षण के दौरान अपनी जगह पर नहीं पाए थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस में सभी जजों को जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है, ताकि हाई कोर्ट अपनी कार्रवाई पर फैसला ले सके। खबर के मुताबिक, जो जज नोटिस का जवाब नहीं देंगे उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। रोहिणी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बैठने वाले कुल जजों की संख्या 63 है। निरीक्षण के दिन 24 जज अपने डायस पर मौजूद नहीं थे, जिससे कोर्ट की कार्यवाही शुरू करने में देरी हुई। वहीं दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल डीके शर्मा ने बताया- “सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का औचक निरीक्षण सुबह 10 बजे शुरू हुआ था। निरीक्षण यह देखने के लिए किया गया था कि कोर्ट की कार्यवाही समय पर हो रही है या नहीं।”

निरीक्षण दिल्ली हाई कोर्ट के 6 वरिष्ठ जजों की टीम ने किया था। कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने पटियाला हाउस कोर्ट का निरीक्षण किया। वहीं न्यायमूर्ति रविंद्र भट ने तीस हजारी कोर्ट का निरीक्षण किया। ऐसे ही न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने रोहिणी जिला अदालतें, न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी ने कड़कड़डूमा जिला अदालतों, न्यायमूर्ति एस मुरलीधर ने साकेत जिला न्यायालयों और न्यायमूर्ति विपिन संघी ने द्वारका जिला न्यायालयों में औचक निरीक्षण किया।

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