हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति का मामला, सरकार करेगी पेशेवर रिकॉर्ड की जांच

सरकार ने उन वकीलों व न्यायिक अधिकारियों के पुराने पेशेवर रिकॉर्ड की ‘विस्तृत जांच’ शुरू की है, जिनकी न्यायाधीशों के तौर पर नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की समिति ने सिफारिश की है। इस कदम से कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव पैदा हो सकता है। कानून व न्याय मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, ‘हाई कोर्टों से न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्राप्त प्रस्तावों की विस्तृत जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिवक्ताओं के मामले में, उन्होंने जिन मामलों की पैरवी की, उनमें आए फैसले के विभिन्न पहलुओं और न्यायिक अधिकारियों के मामले में, उनके मामले के निपटान का समय और स्थगनों की संख्या का मूल्यांकन कानूनी पृष्ठभूमि वाला आंतरिक समूह कर रहा है।’ जुलाई की उपलब्धियों की मासिक रिपोर्ट संबंधी यह दस्तावेज न्याय विभाग ने अगस्त में कैबिनेट सचिवालय को भेजा था।

न्यायाधीशों की एक समिति न्यायिक अधिकारियों (निचली अदालतों के न्यायाधीशों) के सबसे अच्छे कुछ निर्णयों का मूल्यांकन करती है जो एक बड़े पूल का हिस्सा होते हैं जिस पर हाई कोर्ट में नियुक्ति की सिफारिश के लिए हाई कोर्ट की समिति विचार कर सकती है।प्रक्रिया के अनुसार हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय समिति जब सुप्रीम कोर्ट को किसी नाम की सिफारिश करती है तो वह उम्मीदवार के प्रदर्शन संबंधी रिकॉर्ड भी भेजती है। सिफारिश के लिए  नाम शुरुआत में विधि मंत्रालय को भेजा जाता है जो उम्मीवार के संपूर्ण रिकॉर्ड की आइबी रिपोर्ट संलग्न करता है और इसे अंतिम निर्णय के लिए सुप्रीम कोर्ट की समिति के पास भेज देता है। अब, न्याय मंत्रालय ने वकीलों के मामलों के निर्णयों और न्यायिक अधिकारियों के मामले में मुकदमों के निपटान समय और स्थगन की संख्या की जांच शुरू कर दी है।

एक वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ‘सरकार को भी उम्मीदवार की न्यायिक क्षमता का मूल्यांकन करना चाहिए। इससे अधिवक्ता की विशेषज्ञता वाले क्षेत्र को समझने में मदद मिलेगी और इससे इस बात की भी पुष्टि होगी कि वह कोई प्रमुख वकील है या बताए गए मामलों में जूनियर अधिवक्ता है।’ उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की समिति यह निर्णय लेगी कि हाई कोर्ट पीठ को किसकी सिफारिश करनी है, ऐसे में सरकार उम्मीदवारों के पुराने पेशेवर रिकॉर्ड की जांच करके न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर रही है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *