हार्दिक पटेल से हिली कांग्रेस: रोकी रेशमा की एंट्री, राहुल के अलावा किसी को नहीं देते भाव

गुजरात विधानसभा चुनावों के प्रचार में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया से पार्टी बहुत प्रभावित है। युवाओं ने एंटी-बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है लेकिन पार्टी दिग्गजों को डर है कि पार्टी के पुराने गार्ड्स और राहुल के लोगों में बंटावारे को लेकर कांग्रेस अपनी पहल खो सकती है। कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज हैं लेकिन राहुल ने अपने अंतर्गत चार प्रतिनिधियों को नियुक्त किया है, जिनमें से एक है बालासाहेब थोरट, जो कि चुनावों के लिए उम्मीदवार का चयन करने के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी का नेतृत्व करेंगे और सीधा इसकी रिपोर्ट राहुल गांधी को देंगे।

पार्टी से हाल ही में एक बड़ी गलती हुई थी जब पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की करीबी माने जाने वाली रेशमा पटेल को कांग्रेस खेमे में आने की इजाजत दे दी गई थी। रेशमा ने हार्दिक से अलग होते हुए कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताई थी लेकिन उसके लिए रेशमा की शर्त थी की अगर सौराष्ट्र की केशड सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाए। कांग्रेस में अपने एंट्री दर्ज कराने के लिए रेशमा दिल्ली पहुंची लेकिन पार्टी ने उन्हें शामिल नहीं किया क्योंकि हार्दिक पटेल ने कांग्रेस में रेशमा की एंट्री पर आपत्ति जताई थी। इसका नतीजा यह निकला की रेशमा बीजेपी में शामिल हो गईं। इतना ही नहीं रेशमा के अलावा हार्दिक के प्रवक्ता वरुण पटेल ने भी बीजेपी का दामन पकड़ लिया।

पटेल आरक्षण अभियान में अपना एकमात्र नियत्रंण रखना चाहने वाले हार्दिक पटेल खुद को बहुत ही महत्वपूर्ण समझते हैं इसलिए वे राहुल के अलावा कांग्रेस के किसी भी नेता से मिलने की इच्छा नहीं रखते हैं। इतना ही नहीं हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल अहमदाबाद पहुंचे थे लेकिन हार्दिक उनसे नहीं मिले और उन्हें हार्दिक के एक प्रतिनिधि से मिलकर वापस लौटना पड़ा। बता दें कि गुजरात विधान सभा चुनाव में एक महीने ही रह गए हैं। पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण में 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है।

 

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