हार्दिक बोले- देश तोड़ने की राजनीति करने वालों से नहीं चाहिए राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को भोपाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर हमला बोला और कहा कि उन्हें ऐसे लोगों (भाजपा) से राष्ट्रभक्ति का सार्टिफिकेट नहीं चाहिए, जो देश तोड़ने की राजनीति करते हैं। पटेल ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा, “मेरे भोपाल प्रवास को लेकर तरह-तरह की बातें कही गईं। यहां तक कहा गया कि ‘तुम्हारे आने से जातिवाद होगा’। अगर युवाओं, किसानों और रोजगार की बात करना जातिवाद है तो मुझे यही करना है, लेकिन जो हिंदू और मुसलमान की राजनीति करे, देश को तोड़ने की बात करे, उसे वे लोग जातिवाद नहीं कहते हैं, बल्कि उसे राष्ट्रभक्ति कहते हैं, हमें ऐसे लोगों से राष्ट्रभक्ति का सार्टिफिकेट नहीं चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पूर्वज सरदार पटेल और छत्रपति शिवाजी ने हमारी राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट बड़े अक्षरों में लिख दिया है। हमारे रक्त का एक कतरा जहां भी पड़े, वहां जय जवान जय किसान लिख जाता है। इसी बात को लेकर मध्य प्रदेश में अभियान जारी रहेगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे? हार्दिक ने कहा कि अच्छा काम करने में कोई दिक्कत नहीं है और अच्छा काम करते रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा, “राज्य में युवाओं, किसानों के लिए कुछ अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं, किसानों के बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर बात करता रहा हूं और करता रहूंगा। किसानों की बात करना मेरा कर्तव्य और कर्म है, जिसे मैं करता रहूंगा।” हार्दिक ने कहा, “देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी भाजपा झूठी राजनीति करती रहेगी और लोगों को तोड़ने का काम भी होगा। जोड़-तोड़ के लिए भाजपा कुछ भी कर सकती है।”
बता दें कि रविवार को गुजरात में नवगठित विधानसभा के पहले बजट सत्र के एक दिन पहले दलित समुदाय के लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था। यह राज्यव्यापी प्रदर्शन दलित कार्यकर्ता भानुभाई वांकर की मौत के विरोध में हुए जिसमें दलित नेता व नव निर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। अहमदाबाद के उपगनरीय इलाके सरसपुर में पुलिस हिरासत में लिए जाने पर मेवाणी की पुलिस के साथ गरमागरमी भी हुई थी। मेवाणी और 100 अन्य लोगों को हिरासत में लेने पर उन्होंने सिपाही से बहस की और उनसे उनके बकल का नंबर मांगा। उन्होंने कहा, “गुजरात तुम्हारे पिता का नहीं है। अपना बकल नंबर दो। मैं निर्वाचित विधायक हूं और तुम मेरा अपमान नहीं कर सकते।”