हार से पस्त श्रीलंका टीम के कोच का फरमान- म्यूजिक सुनना है तो घर जाएं क्रिकेटर

श्रीलंका क्रिकेट टीम के नए कोच बनने के साथ ही चंडिका हथुरुसिंघा ने खिलाड़ियों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। पिछले कुछ दिनों से खराब फॉर्म में चल रही श्रीलंकन टीम को मजबूती प्रदान करने के लिए कोच चंडिका ने प्रैक्टिस के दौरान म्यूजिक सुनने पर बैन लगा दिया है और खिलाड़ियों के चयन में पूरे कंट्रोल की मांग की है। 1996 वर्ल्ड कप की विजेता टीम श्रीलंका का इस साल प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा, जिसके कारण अब कोच ने टीम पर सख्ती बरतने की ठान ली है। चंडिका हथुरुसिंघा का कहना है कि वह टीम को विश्वकप 2019 के लिए तैयार करना चाहते हैं, इसके लिए वह कड़े नियम लागू करेंगे। उनसे जब खिलाड़ियों द्वारा प्रैक्टिस के दौरान म्यूजिक सुने जाने को बैन करने की खबर पर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि अगर क्रिकेटर्स को म्यूजिक सुनना है तो उन्हें घर जाना पड़ेगा। यह बात श्रीलंका के कोच ने टीम के साथ पहले ट्रेनिंग सेशन के बाद गुरुवार को कही।

चंडिका हथुरुसिंघा पूर्व श्रीलंकन क्रिकेटर हैं और उन्होंने 20 दिसंबर को टीम के हेड कोच का पद संभाला। इससे पहले वह बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच थे, लेकिन श्रीलंका की खराब हालत को देखते हुए श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने चंडिका को नया हेड कोच नियुक्त कर दिया। चंडिका 2019 विश्वकप तक बांग्लादेश के कोच रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देकर श्रीलंका की टीम के कोच का कार्यभार संभाला।

नियम के मुताबिक हेड कोच टीम का चयन करने वाले पैनल का मेंबर नहीं होता है, लेकिन हथुरुसिघा चाहते हैं कि इस नियम को बदला जाए और टीम के चयन में उनका नियंत्रण रहे। उनका कहना है, ‘मैं प्लेयिंग 11 के सिलेक्शन में पूरा कंट्रोल चाहता हूं। स्पोर्ट्स कानून के मुताबिक चयन प्रक्रिया में कोच को शामिल नहीं किया जाता है। वे लोग सेलेक्शन पैनल में शामिल होने की मेरी मांग पर ध्यान दे रहे हैं।’ बता दें कि साल 2017 में श्रीलंका की टीम का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा। क्रिकेट के टेस्ट, वनडे और टी-20 मैच के तीनों फॉर्मेट में श्रीलंका ने 57 इंटरनेशनल मैच खेले, जिनमें से उसे 40 में हार मिली तो वहीं केवल 14 में जीत।

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