‘हिंदू पुजारियों ने जलाए आम के पेड़’ वाली खबर शेयर की, निशाने पर आ गईं तस्लीमा नसरीन

जानी-मानी बांग्लादेशी लेखिका और नारीवादी चिंतक तस्लीमा नसरीन गुरुवार (22 मार्च) को सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गईं। कारण तस्लीमा का ही एक ट्वीट बना, जिसमें उन्होंने ‘हिंदू पुजारियों ने जलाए आम के पेड़’ शीर्षक वाली खबर को साझा किया था। लेखिका ने इसी के साथ कहा, “हिंदू पुजारियों ने बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए परंपरा के नाम पर हजारों आम के पेड़ जला डाले।” लोगों ने इसी पर लेखिका को ट्रोल करने की कोशिश की। यूजर्स ने कहा कि अगर आप हिंदू परंपरा से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ती हैं तो कृपया अपनी जानकारी बढ़ाएं। और अधिक किताबें पढ़ें। धर्म और इंसानियत के विपरीत चीजें लिखकर खुद के थर्ड क्लास राइटर होने का प्रमाण न दें। वहीं, एक अन्य शख्स ने पूछा कि उसका क्या, जब ईद के नाम पर करोड़ों बकरों और जानवरों की बलि चढ़ा दी जाती है? महीनों तक उसकी गंध आती रहती है, जबकि एक यूजर ने तस्लीमा को यज्ञ में शामिल होने की नसीहत दे डाली।

ये है लेखिका का ट्वीट

क्या था खबर में?
‘हिंदू पुजारियों ने जलाए आम के पेड़’ वाली खबर ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के लिए स्वाति गुप्ता ने लिखी थी। दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में तकरीबन 350 हिंदू पुजारियों ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सैकड़ों आम के पेड़ (49,895 किलो लकड़ियों के बराबर) जला दिए।

खबर शेयर करने के बाद तस्लीमा को लोग उल्टा-पुल्टा कहने लगे। सफाई देते हुए वे बोले कि ये विचार आपके ईद के वक्त क्यों नहीं निकलते। वह उस दौरान चुप्पी क्यों साध लेती हैं। हवन-यज्ञ में आम की लड़की इस्तेमाल होती है। न कि उसके लिए पेड़ काटे जाते हैं। देखिए लोगों ने कैसी-कैसी प्रतिक्रियाएं दीं।

तस्लीमा नसरीन ने इससे पहले एक अंग्रेजी साइट पर लिखा अपना लेख साझा किया था। उन्होंने उसके साथ सवाल किया था कि पवित्र काबा में आखिर महिलाओं का यौन उत्पीड़न क्यों होता है? अगर काबा एक पवित्र स्थल है तो फिर वहां ऐसा किन वजहों से हो रहा है? लेख में आगे तस्लीमा ने पाकिस्तान की कुछ महिलाओं की आपबीती का जिक्र किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *