हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छापा: बॉयज हॉस्टल के कमरे में लड़की, लड़कों ने कहा-पढ़ रहे थे

हैदराबाद यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां रेड के दौरान हॉस्टल के नियमों को तोड़ने और सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ हाथापाई करने पर 10 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिसके बाद सोमवार को कैंपस में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। यूनिवर्सिटी प्रशासन की मोरल पुलिसिंग और बिना जांच किए छात्रों को सस्पेंड करने का आरोप लगाते हुए छात्र संघ ने मंगलवार को कैंपस में हड़ताल का आह्वान किया है। इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के मुताबिक बॉयज होस्टल के किसी कमरे में लड़की के होने की सूचना मिलने पर वॉर्डन और कैंपस के सिक्योरिटी गार्ड्स ने 3 नवंबर को वहां छापेमारी की थी। यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक हॉस्टल के कमरे में लड़के और लड़कियां एक-दूसरे के कमरों में आ-जा नहीं सकते। वह सिर्फ गेस्ट एरिया में ही मिल सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान लड़कों के एक कमरे में लड़की मिली थी, जिसके बाद छात्रों ने दावा किया कि वह पढ़ाई कर रहे थे। इसके बाद मचे हंगामे पर अन्य छात्र भी जमा हो गए। उन्होंने वॉर्डन और सिक्योरिटी गार्ड्स को गालियां दीं और मारपीट करने लगे। इसके बाद पुलिस ने कैंपस पहुंचकर उन्हें बचाया।

प्रो वी-सी विनोद परवाला ने कहा, ”जिस लड़के के कमरे से युवती मिली थी उसे 27 अक्टूबर को भी चेतावनी दी गई थी। इसके बाद उसने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह यूनिवर्सिटी को कोई भी नियम मानना नहीं चाहता।” 3 नवंबर को हुए हंगामे के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 10 छात्रों को सस्पेंड कर दिया। इनमें से 3 को 2 वर्ष के लिए और बाकी 7 को 6 महीने के लिए सस्पेंड किया गया है। परवाला ने कहा, ”अगर छात्रों को लगता है कि सजा ज्यादा सख्त है तो वह सही माध्यमों के जरिए अपील कर सकते हैं।” सूत्रों ने कहा कि सोमवार को इन छात्रों ने पीसी अप्पा राव से सजा पर पुनर्विचार करने की अपील की है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि छात्र बेखौफ होकर कायदे-कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे। हम नरम हैं, लेकिन छात्राओं की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं कर सकते।

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