होटल आवंटन घोटाला: ईडी ने जब्त की राबड़ी-तेजस्वी की करोड़ों की संपत्ति

आईआसीटीसी होटल आवंटन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की 45 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त कर ली है। एजेंसी इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। ईडी द्वारा कई समन जारी करने के बाद भी राबड़ी देवी पेश नहीं हुई थीं। आखिरकार वह पिछले दिनों पटना में ईडी अधिकारियों के समक्ष हाजिर हुई थीं।

लालू परिवार शुरुआत से ही होटल आवंटन में किसी भी तरह की अनियमितता को नकारता रहा है। समाचार चैनल टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने राबड़ी और तेजस्वी के स्वामित्व वाली तीन एकड़ जमीन जब्त कर ली है। यह प्लॉट पटना में स्थित है। इसकी कुल कीमत 45 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी ने इस घोटाले में लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। सीबीआई अलग से होटल आवंटन अनियमितता मामले की जांच कर रही है। दोनों एजेंसियों ने लालू और अन्य आरोपियों के विभिन्न परिसरों पर छापे भी मार चुकी है। जांच एजेंसियों का आरोप है कि यूपीए-1 में रेल मंत्री रहते हुए लालू ने वर्ष 2004 में आईआरसीटीसी के होटलों के रखरखाव का जिम्मा गलत तरीके से निजी कंपनी को सौंपा था। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक इसके बदले में लालू को एक बेनामी कंपनी के जरिये पटना के प्राइम लोकेशन में जमीन मुहैया कराई गई थी। इस कंपनी का स्वामित्व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के पास था।

प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। मामले के तार शेल कंपनियों से जुड़ने के बाद ईडी ने अनियमितता की छानबीन शुरू की थी। हालांकि, लालू परिवार शुरुआत से ही इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताता रहा है। मालूम हो कि लालू ने बतौर रेलमंत्री रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के होटलों के रखरखाव की जिम्मेदारी सुजाता होटल्स को सौंपा था। जांच एजेंसियां इसी मामले की जांच में जुटी है।

 

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