विजय रुपाणी ने बयां की गुजरात में भारी जल संकट होने की वजह

गुजरात में जलसंकट को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दावा किया है कि उनकी सरकार ने गर्मियों में एक-एक गांव में जल आपूर्ति के लिए पहले से ही योजना बना ली थी और राज्य में किसानों और आम लोगों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली से पहुंचे पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में कहा कि राज्य में जल संकट का बेहद सुनियोजित तरीके से सामना किया गया है और कहीं भी पेयजल या सिंचाई से जुड़ी कोई परेशानी उत्पन्न नहीं होने दी गई है।  गुजरात में पिछले कुछ महीनों से पानी की समस्या से जुड़ी खबरें आ रही हैं और राज्य सरकार ने किसानों को 15 मार्च तक ही सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की थी।

इस पर रूपाणी का कहना था कि सरकार ने किसानों के लिए पानी की कटौती नहीं की। चूंकि इस मौसम में गुजरात में ज्यादातर खेती नहीं होती है और गर्मी में पेयजल का संकट नहीं हो इसलिए यह निर्णय लिया गया। गुजरात का बड़ा हिस्सा पानी की आपूर्ति के लिए सबसे ज्यादा नर्मदा नदी पर निर्भर है, लेकिन पिछले साल मध्य प्रदेश में कम बारिश होने की वजह से गुजरात के हिस्से में लगभग 48 फीसद कम पानी आया और इस वजह से गुजरात सरकार के लिए पानी का संकट एक बड़ा संकट बन गया।

मुख्यमंत्री के अनुसार हाल ही में नासा की एक सर्वे रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया के बहुत सारे देशों में पानी का स्तर नीचे जा रहा है और इनमें भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इसे गंभीरता से लेते हुए गुजरात की सरकार ने राज्य में सुजलाम सुफलाम जल संचय अभियान नाम से बड़ा जल अभियान चलाया। एक मई से शुरू हुए इस अभियान का समापन 31 मई को हो गया। अभियान के शेष कार्य को पूरा करने के लिए आठ जून तक का समय तय किया गया है।

रूपाणी ने कहा कि गुजरात में 32 नदियों को पुनर्जीवित किया गया। पानी विलवणीकरण संयत्र आवंटित किए गए हैं। इन संयत्र में रोजाना 10 करोड़ लीटर पानी को लवणमुक्त किया जाएगा। यह काम पीपीपी मॉडल पर हो रहा है। इस अभियान में पचास फीसदी खर्च लोगों ने किया है और 50 फीसदी सरकार ने किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मई में कुल 18 हजार से ज्यादा कार्य हुए हैं। कुल 13 हजार से ज्यादा तालाबों की घेराबंदी हुई, खुदाई हुई, बहुत सारे चेक डैम से गाद निकालने का काम किया गया। 5,500 किलोमीटर तक नहर की सफाई हुई। अहमदाबाद की खारीकट नहर, जो कभी साफ नहीं हुई थी, अब वह बिल्कुल साफ हो गई है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जल अभियान को लेकर भाजपा की भूमिका के बारे में पूछे गए सवाल पर रूपाणी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। यह तो घोषणापत्र बनाने वाले देखेंगे लेकिन सुशासन के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के नर्मदा के जल का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ह्यह्यनर्मदा के जल का बंटवारा नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी चार राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच करती है। पिछले साल मानसून पश्चात जल की समीक्षा के बाद गुजरात का कोटा आधा हो गया लेकिन इसके बावजूद भी खेती के मौसम में हमने किसानों को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति की। पीने के पानी में भी कटौती नहीं हुई।

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