मंत्रिमंडल पर फंसा पेच! सोनिया के इस नजदीकी के बेटे को कैबिनेट में नहीं देखना चाहते देवगौड़ा?

कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन से जनता दल सेक्युलर की सरकार बनने का रास्ता भले साफ हो गया है मगर मंत्रिमंडल को लेकर पेंच फंसा है। कर्नाटक के दिग्गज कांग्रेसी नेता, सोनिया गांधी के करीबी और विधायकों को एकजुट रखने में भूमिका निभाने वाले डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद पर दावा ठोंका है।जबकि है कि जेडीएस मुखिया और कुमारस्वामी के पिता देवेगौड़ा मंत्रिमंडल में दो लोगों को शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं। रेडिफ डॉटकॉम के मुताबिक इन दो नेताओं में एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार हैं और दूसरे एमआर पाटिल हैं। वजह कि ये दो नेता पिछले दो दशक से देवेगौड़ा के राजनीतिक विरोधी रहे हैं। इस नाते देवेगौड़ा ने अपनी मांग से कांग्रेस नेतृत्व को अवगत करा दिया है। इन सब चीजों को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार बनने से पहले ही अंदरखाने असंतोष की लहरें उत्पन्न होने लगीं हैं।

उधर शिवकुमार को भी यह बात पता है कि नापसंद होने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में लेने की मजबूरी है, यही वजह है कि उन्होंने मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा है कि वह कर्नाटक में सेकुलर सरकार के लिए कड़वा घूट पीने को तैयार हैं।शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा-मैने देवगौड़ा और उनके संबंधियों के खिलाफ बहुत चुनाव लड़े। भले ही देवगौड़ा के साथ लोकसभा चुनाव हार गया मगर उनके बेटे और बहू को पराजित किया हूं। बावजूद इसके पार्टी और देश के हित में इस गठबंधन को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं।

बता दें कि कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने में डीके शिवकुमार की काफी भूमिका रही। उन्हें पूरे गठबंधन का मैन ऑफ द मैच कहा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार ने मंत्रिमंडल में अपने लिए उप मुख्यमंत्री का पद मांगा है। शिवकुमार के साथ 25 विधायक हैं, सिद्धारमैया के साथ भी इतने ही विधायकों का समर्थन है, वहीं 50 अन्य विधायक नाव की दिशा मोड़ सकते हैं। हालांकि राहुल गांधी ने पहले ही जेडीएस को बिना शर्त का समर्थन देने की बात कही है। उधर सात बार के कांग्रेसी विधायक रोशन बेग को कुछ मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने उपमुख्यमंत्री का पद देने की मांग की है।

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