पाकिस्तान में बिगड़े हालात, हिंसक प्रदर्शन में पुलिसवाला मरा, टीवी चैनलों पर बैन, आत्मघाती धमाका भी
पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी में तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) या रसूल अल्लाह नाम के इस्लामिक संगठन के 20 दिन से जारी धरने को खत्म कराने पहुंचे सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इसमें एक पुलिसवाले की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार रात 8,500 सुरक्षाबलों ने 2000 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अॉपरेशन शुरू किया। इस्लामाबाद पुलिस और फ्रंटियर फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (एफसी) ने शुरुआत में घटनास्थल से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया। लेकिन शनिवार सुबह प्रदर्शनकारी एक बार फिर एक जुट हो गए। इस दौरान हिंसा भड़क गई और कई वाहनों को फूंक दिया गया। रिपोर्ट्स में कहा गया कि पुलिस ने करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। एएफपी के मुताबिक पाकिस्तान मीडिया रेग्युलेटर ने स्थानीय टीवी चैनलों द्वारा घटनास्थल का सीधा प्रसारण दिखाने पर रोक लगा दी। हालांकि स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक 67 लोग झड़प में घायल हुए हैं। पाकिस्तान इंस्टिट्यूट अॉफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) के डॉ.अल्ताफ ने कहा कि कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। ”ज्यादातर लोगों को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन कुछ लोगों को फ्रैक्चर भी हुआ है।”
गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने सड़कों और बाजारों को बंद कर दिया है। यह धरना 6 नवंबर को टीएलपी नाम के छोटे से इस्लामिक संगठन ने शुरू किया था। अब प्रदर्शनकारियों ने मुख्य हाइवे को ब्लॉक कर दिया है जिसकी वजह से रोज हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टीएलपी कार्यकर्ता अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के प्रति कथित नरम रुख को लेकर संघीय और प्रांतीय कानून मंत्री जाहिद हमीद और राणा सनाउल्लाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी शहर क्वेटा में शनिवार को एक बम विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, विस्फोट शहर के एक बस स्टेशन के समीप हुआ। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट में पुलिस के वाहनों को निशाना बनाया गया था। स्थानीय पुलिस और बचावकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।