10 देश के राष्ट्राध्यक्ष की मौजूदगी मे राजपथ पर दिखी भारतीय सैन्य शक्ति और संस्कृति की झलक
देश ने 69वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर राजपथ पर आसियान देशों के 10 मुख्य अतिथियों के समक्ष देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिसके साथ परेड समारोह शुरू हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना की सलामी ली। इससे पहले कोविंद ने शहीद ज्योति प्रकाश निराला की पत्नी को अशोक चक्र प्रदान किया। पिछले साल जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान में 31 वर्षीय भारतीय वायुसेना कमांडो शहीद हो गए थे। इस अभियान में छह आतंकवादी भी मारे गए थे। परेड का नेतृत्व दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री ने किया। दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल राजपाल पुणिया परेड में सेकंड-इन-कमांड थे। अग्रगमन दल की शुरुआत झंडेदार दल के साथ हुई जिन्होंने 10 आसियान देशों के झंडे को प्रदर्शित किया। इसके बाद 39 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र और 1 ईएमई केंद्र के भारतीय सेना बैंड ने प्रदर्शन किया।
भारतीय सेना के टी -90 टैंक (भीष्म), बॉलवे मशीन पिकाटे, ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, हथियार का पता लगाने वाला रडार (स्वाती), पुल बिछाने वाली टैंक टी -72, मोबाइल आधारित ट्रान्सीवर स्टेशन और आकाश हथियार प्रणाली को प्रदर्शित किया गया। सेना के अग्रगमन दल में 61वीं कैवलरी, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री, डोगरा रेजिमेंट, लद्दाख स्काउट्स, रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी और 123 इन्फैंट्री बटालियन – प्रादेशिक सेना (ग्रेनेडिएर्स) के घुड़सवार शामिल थे। लेफ्टिनेंट तुषार गौतम के नेतृत्व में नौसेना के अग्रगमन दल में 144 युवा नाविक शामिल थे। स्क्वाड्रन लीडर अटल सिंह शेखों के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना के दल में 144 पुरुष शामिल थे। अर्धसैनिक और अन्य सहायक नागरिक बलों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ-साथ ऊंट दस्ता, भारतीय तट रक्षक, सशस्त्र सीमा बल, इंडो तिब्बती सीमा पुलिस, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना शामिल थी।