10 में से 10 मेयर: उत्तराखंड के बाद अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, BJP ने बनाई ‘शहर की सरकार’

छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को शिकस्त देने के बाद नगर निकाय चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी ने सूपड़ा साफ करते हुए महापौर के सभी 10 पदों पर जीत हासिल की. राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि सत्ताधारी दल भाजपा ने सभी 10 नगर निगमों में महापौर पद और 35 नगर पालिका परिषदों और 81 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है.

राज्य के 10 नगर निगमों, 49 नगर पालिका परिषदों और 114 नगर पंचायतों में हुए आम चुनावों के लिए शनिवार को मतगणना हुई.

अधिकारियों ने बताया कि आठ नगर पालिका परिषदों और 22 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर विपक्षी दल कांग्रेस ने जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने एक नगर पालिका परिषद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने एक नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है.

  • उत्तराखंड के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने शहर की सरकार बनाई है. सभी 10 सीटों पर उसके मेयर प्रत्याशी जीते हैं.
  • नगर पालिका की 49 सीटों में भी बीजेपी ने परचम लहराया है. कांग्रेस को पछाड़ते हुए 36 पर बीजेपी के उम्मीदवार आगे हैं या जीत गए हैं. कांग्रेस महज 8 सीटों पर सिमट रही है.
  • नगर पंचायत में भी भगवा परचम लहराया है. नगर पंचायत की 114 सीटों में से 84 पर बीजेपी प्रत्याशी जीत की तरफ बढ़ रहे हैं. कांग्रेस महज 20 सीटों पर है.

नगर निकाय चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा.

साय ने कहा, ‘‘आज का दिन भाजपा और छत्तीसगढ़ सरकार के लिए ऐतिहासिक है. यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा, क्योंकि भाजपा ने नगर निकाय चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.”

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता और मतदाताओं ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री की गारंटी और राज्य सरकार के विकास कार्यों में विश्वास जताया है, जिसके लिए वह उनका आभार व्यक्त करते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस वादे तो करती है लेकिन बाद में उन्हें पूरा नहीं करती, लेकिन भाजपा अपने वादे पूरे करेगी.”

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने महापौर पद का अप्रत्यक्ष चुनाव (पिछली बार 2019-2020 में) कराकर लोकतंत्र की हत्या की है. कांग्रेस उम्मीदवार जो अप्रत्यक्ष चुनाव (कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर का जिक्र करते हुए) के जरिए (रायपुर के) महापौर बने थे, इस बार रायपुर के एक वार्ड से पार्षद का चुनाव हार गए हैं.”

साय ने कहा कि रायगढ़ नगर निगम में पार्टी ने महापौर पद के लिए चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को मैदान में उतारा था और उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.