100 रुपये लीटर तक जा सकते हैं पेट्रोल के दाम!
पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ते ही महंगाई बढ़ने लगती है। अब एक ग्लोबल संस्था ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) का कहना है कि दुनिया की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए कच्चे तेल की कीमत में इजाफा हो सकता है। कच्चे तेल की कीमत 2020 में 270 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। इस संस्था ने ऐसा अनुमान इसलिए लगाया है कि आने वाले समय में भारत और चीन जैसे देशों की अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ेगी। इसके लिए इन देशों में तेल की मांग भी बढ़ेगी। इसके चलते कच्चे तेल की कीमत में इजाफा हो सकता है।
आपको बता दें कि अब तक कच्चे तेल की कीमतें सबसे ज्यादा साल 2008 में हुई थी। तब एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 145 डॉलर थी। जब साल 2015 और 2016 में खाड़ी देशों में विवाद के चलते चीन समेत कई विकासशील देशों द्वारा तेल की मांग में कमी आई तो कच्चे तेल की कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। अभी एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर के करीब है और दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 68 रुपये के करीब है।
भारत में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार जाने के लिए जरूरी नहीं कि क्रूड ऑयल इस स्तर को छुए। बीते तीन साल तक देश में क्रूड की कीमत और केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा लिया जा रहा टैक्स, पेट्रोल की कीमत को उसी समय 100 रुपये लीटर तक पहुंचा सकता है जब एक बार फिर क्रूड ऑयल 2014 के स्तर यानी 100 डॉलर प्रति बैरल तक हो जाए।
2014 में जब कच्चे तेल की कीमतें कम हुईं उसका आम आदमी को पहला फायदा 2015 में मिलना शुरू हुआ। जहां क्रूड 30 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया वहीं दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत पहली बार 60 रुपये प्रति लीटर के नीचे गई। हालांकि पूरे साल के दौरान पेट्रोल की कीमत 66 रुपये से 60 रुपये प्रति लीटर तक रही। 2016 में अक्टूबर तक सस्ते पेट्रोल का खेल खत्म हो गया और यहां से एक बार फिर पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी शुरू हो गई। इस दौरान एक लीटर पेट्रोल की कीमत वापस 66 रुपये से बढ़कर 70 रुपये के स्तर पर पहुंच गई और साल 2017 के दौरान एक बार फिर पेट्रोल की कीमत 70 रुपये प्रति लीटर से 63 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई।