अमेरिकी सैन्य अड्डे पहुंचा ऐसा संदिग्ध लिफाफा जिसे खोलते ही 11 की तबियत हुई खराब

वाशिंगटन के निकट अमेरिकी सैन्य अड्डे में बुधवार को ‘संदिग्ध पदार्थ’ से भरे एक लिफाफे के खुलने के बाद नौ मरीन सैन्यकर्मियों समेत 11 लोगों की तबियत खराब हो गई। एफबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह लिफाफा वर्जीनिया के आर्लिंगटन स्थित ज्वाइंट बेस फोर्ट मायर-हेंडरसन हॉल में प्राप्त हुआ था। लिफाफा एक गनरी सार्जेंट ने खोला था। एक मरीन अधिकारी ने ‘एनबीसी न्यूज’ को बताया कि लिफाफे के संपर्क में आए लोगों ने अपने हाथों और चेहरे पर खुजली तथा नाक से खून आने की शिकायत की था। इमारत को तुरंत खाली कराया गया। ‘सीएनएन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि पत्र का परीक्षण किया गया। इसमें कोई भी हानिकारक पदार्थ नहीं पाया गया।

बहरहाल, एफबीआई इसके विस्तृत विश्लेषण के लिए इसे क्वांटिको स्थित अपनी प्रयोगशाला ले जा रही है। अधिकारी ने बताया कि लिफाफे पर किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि मरीन मुख्यालय बटालियन का पता था। मरीन के प्रवक्ता मेजर ब्लॉक ने कहा, ‘‘पत्र मिलने के तुरंत बाद 11 लोग की तबियत खराब हो गई और इसके चलते इमारत को खाली कराया गया।’’ 11 लोगों की जांच की गई जिनमें से तीन को अतिरिक्त जांच के लिए दूसरी जगह भेजा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘पत्र को हटा लिया गया है और एनसीआईएस (नेवल क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन सर्विस) एवं एफबीआई संयुक्त जांच कर रहे हैं।’’ ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार कानून प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि पत्र में आपत्तिजनक, अस्पष्ट एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था। दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने बुधवार को कहा कि तालिबान इस वक्त शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं लग रहा है। साथ ही प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कोई भी बातचीत अफगानिस्तान के नेतृत्व में या उसके द्वारा होनी चाहिए।

एक तरीके से ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ सीधी वार्ता की संभावना से इंकार किया। अमेरिका को लिखे एक पत्र में इस आंतकी संगठन (तालिबान) ने वार्ता की बात कही थी। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने यह पत्र देखा है और हमें इसकी जानकारी है। किसी भी तरह की शांति वार्ता अफगानिस्तान के नेतृत्व में या अफगानिस्तान की ओर से ही होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से तालिबान इस वक्त साथ बैठने और शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं लग रहा है।

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