झारखंड: राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था इसलिए राशन नहीं मिला, भूख से मर गई 11 साल की बच्‍ची

झारखंड के सिमड़ेगा में 11 साल की एक बच्ची की 8 दिन से खाना न मिलने के कारण 28 सितंबर को भूख से मौत हो गई थी। छह महीने पहले बच्ची के परिवार का सरकारी राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था क्योंकि उसे आधार से लिंक नहीं कराया गया था। राइट टू फूड कैंपेन के एक्टिविस्ट्स का कहना है कि संतोषी कुमारी के परिवार को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के तहत राशन दे दिया जाता तो बच्ची को 8 दिनों तक भूखा नहीं रहना पड़ता। करीमति गांव की रहने वाली संतोषी के परिवार के पास न तो जमीन है, न कोई नौकरी और न ही कोई स्थायी आय है, जिसके कारण उसका परिवार पूर्ण रूप से नेशनल फूड सिक्यूरिटी के तहत मिलने वाले राशन पर ही निर्भर था।

संतोषी का परिवार किसी प्रकार घर का खर्चा चला रहा था लेकिन पिछले कुछ दिनों से किसी ने कुछ नहीं खाया था। वे राशन लेने के लिए सरकारी दुकान पर जाते तो उन्हें राशन देने से यह कहकर मना कर दिया जाता कि उनका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है।  स्क्रॉल के मुताबिक झारखंड और राजस्थान में ऐसे कई परिवार हैं जिन्हें आधार कार्ड का हवाला देते हुए राशन नहीं दिया जा रहा है। वहीं कुछ सामाजिक संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार आधार को हर कार्य में अनिवार्य कर साल 2013 के सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के खिलाफ हैं जिसमें कहा गया था सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।

 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद झारखंड सरकार ने जनता को सरकारी सुविधा प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड जरुरी किया हुआ है। वहीं 30 सितंबर को लातेहार के डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर ने लोगों को धमकी दी थी कि अगर उनका नवंबर तक राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं हुआ तो उनका नाम पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन लिस्ट से हटा दिया जाएगा।

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