121 रुपए में 350 KM का सफर! पाकिस्तान-बांग्लादेश से कितना सस्ता है भारत में रेल सफर? मंत्री ने जवाब ने चौंकाया

क्या आपको पता है कि भारत में ट्रेन का किराया इतना सस्ता है कि पड़ोसी देशों के लोग सुनकर हैरान रह जाएं? जी हां, 350 किलोमीटर का सफर भारत में सिर्फ 121 रुपये में, लेकिन पाकिस्तान में 436 रुपये! चौंक गए ना? भारतीय रेल के सस्ते किराए की यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में दी है. रेल मंत्री ने सस्ते किराए से लेकर लाखों नौकरियों तक, और हादसों में 90% की कमी तक तक की जानकारी दी है.
सस्ता किराया – पड़ोसियों से तुलना
सबसे पहले बात करते हैं ट्रेन के किराए की. रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि भारत में ट्रेन का किराया इतना सस्ता है कि पड़ोसी देशों के मुकाबले हमें शायद अपनी किस्मत पर यकीन ना हो. जैसे, 350 किलोमीटर का सफर – भारत में सिर्फ 121 रुपये. अब जरा पड़ोसियों को देखिए – पाकिस्तान में वही सफर 436 रुपये, बांग्लादेश में 323 रुपये, और श्रीलंका में 413 रुपये.
मतलब, हमारा किराया इनसे 3-4 गुना कम है! और यूरोप की तो बात ही मत कीजिए – वहां तो किराया हमारे से 5 गुना ज्यादा है. और ये भी गौर करने की बात है कि 2020 के बाद से इंडियन रेलवे ने किराया बढ़ाया ही नहीं है. मतलब, महंगाई बढ़ रही है, लेकिन रेलवे ने हमारी जेब का ख्याल रखा है.
नौकरियों का हिसाब – UPA पर तंज
अब बात करते हैं नौकरियों की. कुछ लोग कहते हैं कि रेलवे में भर्तियां नहीं हो रही हैं. लेकिन अश्विनी वैष्णव ने इसका भी जवाब दिया. पिछले 10 साल में रेलवे ने 5 लाख लोगों को नौकरी दी है. और अभी भी 1 लाख वैकेंसी पर भर्तियां चल रही हैं. अब जरा पुरानी UPA सरकार में क्या हुआ था वो भी जान लीजिए? उनके 10 साल में सिर्फ 4 लाख भर्तियां हुई थीं. अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि कोई कैसे कह सकता है कि भर्तियां नहीं हुईं, जब आंकड़े सामने हैं.’
भीड़ का मैनेजमेंट और सेफ्टी
अब आते हैं भीड़ और सेफ्टी पर. त्योहारों में ट्रेनों की हालत तो आप जानते ही हैं – पैर रखने की जगह नहीं मिलती. लेकिन रेलवे इसके लिए भी तैयार है. पिछले साल होली में 604 स्पेशल ट्रेनें चलीं, गर्मियों में 13,000, और दिवाली-छठ में 8,000. महाकुंभ में तो 17,330 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं.
और इस साल होली में 1,107 एक्स्ट्रा ट्रेनें. मतलब, रेलवे कोई कसर नहीं छोड़ रहा. लेकिन सेफ्टी भी उतनी ही जरूरी है. पिछले महीने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद अब बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. 60 बड़े स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बन रहे हैं, CCTV लग रहे हैं, वॉर रूम तैयार हो रहे हैं, और फुट-ओवर ब्रिज भी बढ़ाए जा रहे हैं.
हादसों में कमी और माल ढुलाई में कमाल
अब एक बड़ी बात. पिछले 20 साल में रेलवे हादसे 90% कम हो गए हैं. 90% दोस्तों! अश्विनी वैष्णव ने इसका क्रेडिट पीएम मोदी को दिया और कहा कि सेफ्टी पर फोकस, ज्यादा इनवेस्टमेंट और मॉडर्न टेक्नोलॉजी ने ये कमाल किया है.
मतलब, अब ट्रेन में बैठो तो टेंशन कम और भरोसा ज्यादा. और सिर्फ सेफ्टी ही नहीं, माल ढुलाई में भी भारत टॉप-3 देशों में आ गया है. इस साल रेलवे 1.6 बिलियन टन माल ढोने वाला है. तो ये था इंडियन रेलवे का ताजा अपडेट. सस्ता किराया, लाखों नौकरियां, सेफ्टी में सुधार, और माल ढुलाई में कमाल.