हिमाचल में प्रदेश में पिछले 24 घंटे में बारिश व भूस्खलन से तबाही में 13 लोगों की मौत, कई लोग घायल

प्रदेश में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बरसात में विभिन्न वर्षाजनित हादसों में 13 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। प्रदेश में करीब 923 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और सभी सरकारी स्कूलों में सोमवार और मंगलवार को छुट्टी कर दी गई है। सड़कें और कई पुल बह जाने के कारण लोक निर्माण विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। सोलन के कंडाघाट और नालागढ़ में भूस्खलन से दो बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हुई। हमीरपुर के भोरंज उपमंडल में घर पर मलबा गिरने से दादी-पोती की मुत्यु हुई। इसी तरह मंडी जिले में तीन, ऊना में दो और बिलासपुर में एक व्यक्ति की जान गई है। अगले कुछ दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का 16 अगस्त को प्रस्तावित शिमला दौरा स्थगित कर दिया गया है। बारिश के बाद भूस्खलन के कारण सोमवार को विश्व धरोहर कालका शिमला रेल खंड पर यातायात बाधित हुआ।

सोलन जिले में कंडाघाट में चायल के समीप गांव चाकला में एक मकान क्षतिग्रस्त होने से एक दंपति व उनके दो बच्चों की मौत हो गई। इसके अलावा सुबह अपने दादा के साथ स्कूल जा रहे 12 साल के हिमांशु का हाथ छूट गया और वह जाबली के समीप नाले में बह गया। सोलन के अर्की के सूरजपुर में भी एक बच्चा बह गया। इन दोनों बच्चों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं। मंडी जिले में विभिन्न हादसोंं में तीन लोगों की मौत हो गई। नाचन के जलाह में एक व्यक्ति लुहारड़ी खड्ड में बह गया जबकि पंडोह के नजदीक बाखली रोड़ पर जीप दुर्घटनाग्रस्त होने से जीप चालक खेम सिंह की मौत हो गई। इसके अलावा धर्मपुर क्षेत्र की समौड़ पंचायत के तड़ून गांव में भूस्खलन में मकान दबने से एक महिला सत्या देवी की मौत हो गई। ब्यास नदी और सुकेती खड्ड में जलस्तर बढ़ जाने से बल्हघाटी में जलप्रलय आ गया। सुकेती खड्ड ने बल्ह में भारी तबाही मचाई। लोगों का कहना है कि करीब साठ साल बाद सुकेती खड्ड का ऐसा विकराल रूप देखा गया। बल्ह घाटी में 14 लोगों को डूबने से बचाया गया।

कांगड़ा जिले के फतेहपुर विकास खंड की स्थाणा पंचायत के छबड़ गांव में सोमवार तड़के पहाड़ी दरकने से पांच घर मलबे की जद में आ गए हैं। इन घरों में रहने वाले परिवारों ने रात को भाग कर अपनी जान बचाई। यहां पर बादल फटने की आशंका जताई जा रही है। ऊना जिले में स्वयं नदी और नाले उफान पर हैं। मुबारिकपुर के पास सड़क का एक हिस्सा सड़क टूटने से काफी देर तक चंडीगढ़-धर्मशाला सड़क बंद रही। बरसात के चलते बडूही में उफनते गारनी खड्ड में एक व्यक्ति दो घंटे तक फंसा रहा। बाद में स्थानीय लोगों ने रस्सी की सहायता से उसे बाहर निकाला।

ऊना जिले के शंभू बैरियर के नजदीक भारी बारिश से सड़क धंसने के कारण पंजाब के श्रद्धालुओं से भरी एक इनोवा गाड़ी के खाई में गिरने से तीन साल की एक बच्ची की मौत हो गई। पंजाब के कपूरथला का रहने वाला यह परिवार चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन के बाद सोमवार सुबह वापस लौट रहा था। शंभू बैरियर के नजदीक अचानक सड़क धंस गई जिससे कार खाई में गिरकर एक पेड़ पर अटक गई। लेकिन गाड़ी का कांच टूटने की बजह से बच्ची बाहर मलबे में दब गई। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद बच्ची को बाहर निकाला लेकिन तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी जबकि बाकी लोगों को बचा लिया गया। इस सड़क पर आवाजाही फिलहाल बंद कर दी गई है। ऊना के ही गगरेट में बहने वाली सोमभद्रा नदी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है।

हमीरपुर जिले में भारी बारिश से 23 करोड़ का नुकसान हुआ है। उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने बताया कि जिले के झरलोग में भूस्खलन का मलबा एक मकान में घुस जाने से 65 वर्षीय लज्जा देवी व नौ वर्षीय सिमरन कुमारी की मौत हो गई। कुल्लू के मणिकर्ण के कटागला के बाद अब खोखण नाला में बाढ़ आने से भुंतर बाजार जलमग्न हो गया है। खोखन नाले के आसपास बने मकानों व दुकानों का भारी नुकसान हुआ है। मणिकर्ण घाटी के कटागला में बादल फटने से पूरा गांव जलमग्न हो गया है। गांव के लोगों ने भाग कर जान बचाई। इसके अलावा कुछ घरों में विदेशी पर्यटक व कुछ परिवार फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

आनी के नालदेरा खड्ड में बाढ़ आ गई है। यहां पेयजल लाइनें टूट गई हैं। बिलासपुर जिले में सभी खड्डे उफान पर हैं। चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग स्वारघाट और बिलासपुर के बीच पांच जगह पर ल्हासे गिरने से करीब तीन घंटे बंद रहा जिसे बाद में खोल दिया गया। श्री नयनादेवी के जकातखाना में मकान ढहने से ठाकुर दास की मौत हो गई जबकि गौरव नाम का एक व्यक्ति घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अली खड्ड ने पचास साल बाद अपना रौद्र रूप दिखाया है। इसकी की जद में सिकरोहा स्कूल भी आ गया लेकिन गनीमत रही कि उस समय ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे थे। स्कूल की चारदिवारी टूट गई और देखते ही देखते स्कूल प्रांगण में दो फुट पानी भर गया।

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