राशन कार्ड बनाने के लिए एक विधवा से खाई ऐसी वासना की रिश्वत कि 13 लोग बने एड्स के मरीज
विधवा से हवस की ‘रिश्वत’ खाना महंगा पड़ा। अब ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी सहित कुल 13 लोग एड्स जैसी घातक बीमारी भुगत रहे। यह घटना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की है। थोक के भाव में डेढ़ दर्जन लोगों के एड्स रोगी होने की खबर मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में जहां हड़कंप मचा है, वहीं पूरे जिले में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल गोरखपुर के भटहट ब्लॉक की 28 वर्षीय महिला की छह साल पहले शादी हुई थी। शादी के तीन साल बाद ही पति की बीमारी के कारण मौत हो गई। मायके वालों से भी महिला को सहारा नहीं मिला। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजर-बसर करने के लिए गरीब महिला ने राशन कार्ड खातिर रोजगार सेवक से मिली तो उसने ग्राम प्रधान से मिलवाया। बेबस और अकेली महिला पाकर ग्राम प्रधान ने बुरी नजर गड़ा दी। फिर सेक्रेटरी सहित कुल 13 लोगों ने राशऩ कार्ड और विधवा पेंशन दिलाने का झांसा देकर महिला का शारीरिक शोषण किए।
इस बीच तीन महीने पहले महिला बीमार हुई तो उसे ग्राम प्रधान ने एक चिकित्सक के पास भेजा। चिकित्सक की सलाह पर जब महिला की खून की जांच हुई तो पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित है। फिर दोबारा बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ब्लड टेस्ट हुआ तो वहां भी एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट आई। यह पता चलते ही महिला का शारीरिक शोषण करने वालों में हड़कंप मच गया। चिकित्सकों की सलाह पर रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान सहित 13 लोगों ने मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर पर जांच कराई तो पता चला कि सभी एचआईवी पॉजिटिव हैं। दैनिक हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक महिला के एचआईवी संक्रमित होने के बाद जब एआरटी सेंटर के कर्मियों ने उसकी काउंसिलिंग की महिला ने पूरी कहानी सुनाई कि किस तरह राशन कार्ड और विधवा पेंशन का झांसा देकर 13 लोगों ने अस्मत लूटी। महिला के पति की शादी के तीन साल बाद ही बीमारी से मौत हो गई थी। पति मुंबई में किसी फैक्ट्री में काम करता था। माना जा रहा है कि पति से ही महिला को एचआईवी संक्रमण हुआ।