13600 करोड़ का पीएनबी घोटाला, सिर्फ 15-20 पर्सेंट ही वसूल पाएगी सरकार!
पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13600 करोड़ रुपए के घोटाले में रिकवरी की कोशिश में जुटी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। इकॉनोमिक टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि 13600 करोड़ रुपए के घाटोले में से सिर्फ 15-20 प्रतिशत ही रिकवर हो सकेगा। बता दें कि पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी हैं और फिलहाल दोनों फरार हैं। गौरतलब है कि पहले खबर आयी थी कि जांच एजेंसियों ने आरोपियों की कारें, महंगी पेंटिंग्स, ज्वैलरी और रियल एस्टेट प्रॉपर्टी जब्त की है, जिससे करीब 7000 करोड़ रुपए तक की रिकवरी हो सकती है।
हालांकि अब प्रवर्तन निदेशालय ने स्वीकार किया है कि रिकवरी की रकम अनुमानित रकम के मुकाबले काफी कम है और यह सिर्फ 2000-3000 करोड़ तक हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, नीरव मोदी से घोटाले का 50 प्रतिशत तक रिकवर होने की उम्मीद थी, लेकिन अब उसके चांस बेहद कम हैं। दरअसल नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपत्ति जब्त की गई है, उसकी कीमत पहले बढ़ा-चढ़ाकर बतायी गई थी, लेकिन असलियत में इस सामान की कीमत अनुमानित मूल्य का 10 प्रतिशत ही है।
अब रिकवरी के लिए प्रवर्तन एजेंसियों की उम्मीद सिर्फ भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून (Fugitive economic offenders law) पर टिकी है। दरअसल इस कानून की मदद से भारतीय एजेंसियां विदेश में स्थित नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की संपत्तियों को सीज कर सकेंगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि भारत में अभी नीरव मोदी और मेहल चोकसी की कुछ और संपत्तियां भी हैं, लेकिन इसमें पेंच ये है कि ये संपत्तियां नीरव मोदी के नाम पर नहीं है। ऐसे में इन्हें सीज करने में प्रवर्तन एजेंसियों को परेशानी आ सकती है। एजेंसीज फिलहाल नए कानून के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर सकती हैं, हालांकि पीएनबी की रकम की रिकवरी फिर भी काफी मुश्किल दिखाई दे रही है। बता दें कि मुंबई की ब्रैंडी हाउस ब्रांच में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने 13600 करोड़ रुपए का घोटाला किया और घोटाले का खुलासा होने से 1 माह पहले ही दोनों देश छोड़कर फरार हो गए। जांच के दौरान इस घोटाले में पीएनबी बैंक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता का पता चला था।