सिमी के नेता सफदर नागौरी समेत संगठन के 18 कार्यकर्ताओं को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को सिमी के नेता सफदर नागौरी समेत इस संगठन के 18 कार्यकर्ताओं को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें केरल में वर्ष 2007 में प्रतिबंधित संगठन के लिए शस्त्र प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का दोषी पाया था। विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश कौसर इदाप्पतगत ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (ईएसए) की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी के तहत अलग-अलग अवधि की जेल की सजा सुनाई। उन्हें यूएपीए की धारा 10 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 38 के तहत पांच वर्ष का कारावास, विस्फोटक पदार्थ कानून की धारा चार के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) के तहत सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। सभी सजा एक साथ चलेगी। साथ ही पहले से ही कारावास में बिताई जा चुकी अवधि को समायोजित करने की अनुमति होगी।
दोषियों में से 13 को यूएपीए की धारा 20 (आतंकवादी संगठन/गिरोह का सदस्य होने के नाते सजा) के तहत दोषी पाया गया और सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने 13 दोषियों में से प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। ये लोग यूएपीए की धारा 20 समेत विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाए गए हैं। शेष पांच लोगों में से प्रत्येक पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। ये लोग अन्य धाराओं के तहत दोषी पाए गए थे। बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि 14 दोषी सात वर्ष से भी अधिक समय से न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें जेल में बिताई गई अवधि समायोजित करने का लाभ मिलेगा।