तमिलनाडु में जल्लीकट्टू से पहली मौत, सांड ने 19 साल के युवक को रौंदकर मार डाला
तमिलनाडु के मदुरै जिले में सांड को काबू करने के पारंपरिक खेल ‘जल्लीकट्टू’ को देखने आए एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। डिंडीगुल जिले के रहने वाले कालीमुथू सांड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था। वह पशु मालिकों द्वारा बनाए गए सांड़ संग्रह केंद्र के नजदीक खड़ा था, जहां उस पर सांड ने हमला कर दिया। यहां से 500 किलोमीटर दूर मदुरै के पलामेदु में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 25 अन्य घायल हो गए। जल्लीकट्टू तमिलनाडु में पोंगल महोत्सव का हिस्सा है। पलामेदु में सुबह शुरू हुए इस समारोह में करीब 455 सांड़ों ने भाग लिया। खेल के नियमों के तहत यदि एक निश्चित समय तक कोई शख्स जानवर के कूबड़ पर लटका रहता है तो उस बुल टैमर को पुरस्कार दिया जाता है। मदुरै के अलंगनल्लूर में मंगलवार को आयोजित होने वाले जल्लीकट्टू में मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी के शामिल होने की संभावना है, जहां वह विजेताओं को पुरस्कार वितरित करेंगे।]
पुलिस के मुताबिक खेल के दौरान एक सांड इस कदर बेकाबू हो गया कि उसने दर्शकों की ओर छलांग लगा दी। सांड ने इतनी तेज छलांग लगाई थी कि दर्शकों की सुरक्षा के लिए लगाए गये दो बाड़े टूट गये। सांड लोगों के बीच पहुंच गया और जो सामने आया उस पर हमला शुरू कर दिया। गुस्साये सांड की चपेट में एक शख्स आ गया। सांड ने अपने नुकीले सींगों से युवक पर इतना हमला कर दिया कि उसकी मौत हो गई। सांड के बाहर निकलने की वजह से कई लोगों ने सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर चिंता जताई है। बता दें कि लोगों की सुरक्षा के लिए यहां एक नहीं बल्कि दो-दो बाड़ लगाये गये थे।
बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू को बैन कर दिया था। इसके बाद चेन्नई, मदुरै समेत तमिलनाडु के कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। चेन्नई के मरीना बीच पर लगभग 50 हजार लोग जलीकट्टू के समर्थन में उतर आए थे। इसके बाद तमिलनाडु ने एक कानून बनाकर अदालत के फैसले को बायपास कर दिया। हालांकि इस बार जलीकट्टू के दौरान कई नये नियम बनाये गये। जिला प्रशासन ने सांड मालिकों को शपथ दिलाई थी कि वे लोग खेल के दौरान जानवरों पर अत्याचार नहीं करेंगे। यहीं नहीं सांडों का पूंछ खींचने पर भी रोक लगा दी गई है।