1983 में पिता से छिना था मैन ऑफ द मैच अवार्ड, 2018 में बेटे ने कोहली से छीन लिया
इंग्लैंड के युवा तेज गेंदबाज सैम कुर्रन ने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड के लिए सबसे बड़े संकटमोचक साबित हुए। कर्रन ने ना सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले से भी टीम के लिए अहम रन बनाए। मैच के बाद कर्रन ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली से सीखने की कोशिश करते हैं। कुर्रन को भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में हरफनमौला खेल के कारण मैन ऑफ द मैच चुना गया। इस मैच में इंग्लैंड ने भारत 31 रनों से परास्त किया। मैच के बाद कुरैन ने कहा, “मुझे लग रहा है कि मैं सपना देख रहा हूं। मैं आज रात अच्छे से सोऊंगा क्योंकि कल रात मैं सो नहीं पाया। आज सुबह स्टोक्स ने शानदार शुरुआत की और मैच पलट दिया।” कर्रन की तरह ही उनके पिता केविन कर्रन भी ऑलराउंडर खिलाड़ी रहे हैं। साल 1983 में भारत के खिलाफ जिम्बाब्वे की ओर से खेलते हुए केविन कर्रन ने गेंद और बल्ले दोनों से ही शानदार प्रदर्शन किया था।
केविन कर्रन ने उस मैच के दौरान गेंदबाजी में 3 विकेट और बल्लेबाजी में 73 रन बनाए थे। इसके बावजूद टीम को भारत के हाथों 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा। भारत के लिए जीत के हीरो कप्तान कपिल देव रहे, उन्होंने टीम के लिए सबसे अधिक नाबाद 175 रनों की पारी खेली। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और भारतीय टीम 60 ओवर में 8 विकेट खोकर 266 रन बनाने में कामयाब रही। 267 रनों का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम 57 ओवर में 235 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।
जिम्बाब्वे की तरफ से सबसे अधिक रन केविन कर्रन ने ही बनाया था, केविन ने 73 रोनं की पारी खेली। हालांकि, उनकी यह पारी टीम के काम नहीं आई और टीम को 31 रनों से हार का मुंह देखना पड़ा। 35 साल बाद इंग्लैंड की ओर से खेलते हुए केविन कर्रन के बेटे सैम कर्रन ने भी भारत के खिलाफ कुछ ऐसा ही प्रदर्शन किया। कर्रन ने गेंदबाजी में 5 विकेट लिए तो बल्लेबाजी में बहुमूल्य 87 रन बनाए। कर्रन को उनके प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया। वहीं दोनों ही पारियों में शानदार बल्लेबाजी करने वाले विराट कोहली को दमदार प्रदर्शन के बावजूद कोई अवॉर्ड नहीं दिया गया।