2जी स्पेक्ट्रम घोटाला: केन्द्र से 10,000 हजार करोड़ हर्जाना वसूलने की तैयारी में वीडियोकॉन, कोर्ट जाने की तैयारी
दूरसंचार कंपनी वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशंस टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सभी आरोपियों को बरी किये जाने के बाद सरकार के खिलाफ 10 हजार करोड़ रुपये का मुआवजा दावा करने की योजना बना रही है। कंपनी से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के करीबी एक सूत्र ने कहा, ‘‘वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशंस सरकार के खिलाफ कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये के मुआवजे का दावा दायर करने की योजना बना रही है। नुकसान का अनुमान 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है, कंपनी इसकी गणना कर रही है।’’ उसने कहा, ‘‘कंपनी को दूरसंचार सेवा कारोबार के लिए करीब 25 हजार करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा था। दूरसंचार लाइसेंस रद्द होने से उसे भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा।’’ उल्लेखनीय है कि 2जी मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने 2008 के टूजी माबाइल फोन सेवा लाइसेंस और स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए.राजा समेत सभी आरोपियों को 21 दिसंबर 2017 को बरी कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने 2012 में एक आदेश में राजा के कार्यकाल के दौरान आवंटित 122 दूरसंचार लाइसेंस रद्द कर दिया था। उनमें से 15 लाइसेंस वीडियोकॉन के थे। उसने इनके लिए 15 सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया था। उस फैसले के बाद वीडियोकॉन ने नीलामी में भाग लिया और नवंबर 2012 में उसे 1800 मेगाहर्ट्ज (टूजी) श्रेणी में बिहार, उत्तर प्रदेश (पूर्व), उत्तर प्रदेश (पश्चिम), हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात के लिए 2221.44 करोड़ रुपये में लाइसेंस खरीदा था।हालांकि कंपनी स्पेक्ट्रम के बढ़ते खर्च के कारण कारोबार में टिक नहीं सकी और उसने अपना स्पेक्ट्रम पिछले साल एयरटेल को बेच दिया। बता दें कि 2जी मामले की सुनवाई कर रही एक अदालत ने गुरुवार (21 दिसंबर) को डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और एस्सार और लूप के प्रमोटरों को 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में बरी कर दिया था।
अदालत ने एस्सार समूह के प्रमोटरों रवि रुइया और अंशुमन रुइया, एस्सार समूह के निदेशक (रणनीति व योजना) विकास श्राफ और लूप टेलीकॉम के प्रमोटरों आई. पी. खेतान और किरण खेतान को भी बरी कर दिया। यह देखते हुए कि ‘दूरसंचार विभाग को धोखा देने का षडयंत्र साबित करने में अभियोजन पक्ष नाकाम रहा’। अदालत ने तीन कंपनियों लूप टेलीकॉम, लूप मोबाइल इंडिया और एस्सार टेली होल्डिंग को भी बरी कर दिया। 2जी मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के तीसरे भाग में आरोप लगाया गया था कि लूप टेलीकॉम को प्राप्त लाइसेंस के असली निवेशक और लाभार्थी एस्सार समूह था, जिसे एस्सार समूह ने एक मुखौटा कंपनी के जरिए 2008 में हासिल किया था।