2002 गुजरात दंगे वाजपेयी सरकार पर लगा सबसे बड़ा धब्बा, इसी वजह से बीजेपी 2004 चुनाव हारी: प्रणब मुखर्जी
गुजरात में 2002 में हुए दंगे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार पर ‘संभवत: सबसे बड़ा धब्बा’ थे और इसके कारण ही 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का यह मानना है। अपनी आत्मकथा ‘द कोअलिशन ईयर्स 1996-2012’ के तीसरे संस्करण में उन्होंने लिखा है, “(वाजपेयी सरकार की) इस पूरी अवधि में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग जोर पकड़ती रही। बढ़े सांप्रदायिक तनाव का गुजरात में काफी बुरा असर पड़ा, जो 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों के रूप में देखने को मिला।” मुखर्जी ने अध्याय ‘फर्स्ट फुल टर्म नॉन कांग्रेस गवर्नमेंट’ में लिखा है, “गोधरा में दंगे शुरू हुए, जिसमें साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में लगी आग में 58 लोग जलकर खाक हो गए। सभी पीड़ित अयोध्या से लौट रहे हिंदू कारसेवक थे। इससे गुजरात के कई शहरों में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे थे। संभवत: यह वाजपेयी सरकार पर लगा सबसे बड़ा धब्बा था, जिसके कारण शायद भाजपा को आगामी चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा।”