2019 की तैयारी: मीडिया कैंपेन को धार देने के लिए विशेषज्ञों से मिले पीएम नरेंद्र मोदी, सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने पर हुई बात

आगामी लोकसभा चुनाव में अभी काफी वक्त बचा है, लेकिन लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु भी कर दी है। दरअसल बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने विभिन्न एड प्रोड्यूसर, रिसर्चर, अर्थशास्त्रियों और फिल्ममेकर्स के साथ बैठक की है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने इन सभी विशेषज्ञों के साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव के प्रचार की रणनीति पर चर्चा की। इस बैठक में इस पर भी बात हुई कि किस तरह से सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाया जाए और जनता के बीच सरकार की छवि बेहतर कैसे बनायी जा सके। इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के करीब 15 विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने अपने-अपने सुझाव प्रधानमंत्री के साथ साझा किए। बैठक में शामिल एक विशेषज्ञ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान राजनीति में धारणा (Perception) की अहमियत बतायी और साथ ही इस पर भी बात की कि लोगों के पास खासकर युवाओं के पास यह संदेश पहुंचाया जाए कि केन्द्र की मोदी सरकार सिर्फ विकासकार्यों पर ही फोकस कर रही है।

सरकार के इमेज मेकओवर की तैयारीः बैठक के दौरान पीएम मोदी ने यह साफ किया कि उनकी सरकार का उद्देश्य गरीबों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। साथ ही लोगों के बीच जो धारणा बन गई है कि सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की बात सुनती है, इस धारणा को भी दूर करना है। इसके अलावा सरकार की कोशिश है कि जनता को यह विश्वास दिलाया जाए कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले जल्दबाजी में नहीं बल्कि सोच-समझकर और जनता के हित में लिए गए हैं, जिनका फायदा भविष्य में मिलेगा। उल्लेखनीय है कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत में उसके प्रचार अभियान ने बड़ा रोल निभाया था, यही वजह है कि एक बार फिर मोदी सरकार उस जादू को जगाने की कोशिश में है। हालांकि शुक्रवार को हुई बैठक में भाजपा की प्रचार टीम के 2 अहम व्यक्ति पीयूष पांडे और प्रसून जोशी मौजूद नहीं थे। बताया जा रहा है कि दोनों कहीं और व्यस्त रहने के कारण इस बैठक में शामिल नहीं हो सके।

विश्वसनीय चेहरों की होगी तलाशः इस बैठक में शामिल एक विशेषज्ञ के अनुसार, भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए पीएम मोदी के अलावा कुछ और विश्वसनीय चेहरों की पहचान करने पर सहमति बनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रांड मोदी को धुंधला होने से बचाने के लिए और चुनाव प्रचार को और मजबूती देने के लिए कुछ और विश्वसनीय चेहरों की खोज की जा रही है, जिन्हें चुनाव प्रचार के दौरान ब्रांड के तौर पर पेश किया जाएगा। इसके अलावा इस बैठक में इस मुद्दे पर भी बात हुई कि किस तरह से सरकार के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाया जाए और विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे नकारात्मक प्रोपेगैंडा का जवाब दिया जा सके। सूत्रों के अनुसार, चुनाव प्रचार के लिए यह तो बैठकों की शुरुआत है और आने वाले दिनों में इस तरह की कई और बैठकें आयोजित की जाएंगी।

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