2019 तक चांद पर 4जी नेटवर्क देने की तैयारी कर रहा वोडाफोन, लोग बोले- पहले धरती पर कर लो फोकस

अगले साल अगर आप चांद पर अपना स्मार्टफोन लेकर जाएंगे तो आप वहां बात कर पाएंगे। जी हां आपने बिलकुल सही पढ़ा है। इसकी व्यवस्था वोडाफोन कर रही है। दरअसल वोडाफोन, नोकिया और ऑडी मिलकर इसकी व्यवस्था कर रहे हैं। वोडाफोन जर्मनी, नोकिया और कार निर्माता ऑडी ने बताया कि हम सभी इस मिशन के तहत काम कर रहे हैं। बताया गया कि जिस दिन चांद पर पहले नासा वैज्ञानिक ने कदम रखा था, उसके ठीक 50 साल बाद इस मिशन को अंजाम दिया जाएगा। वोडाफोन ने बताया कि उसने नोकिया को इस मिशन में तकनीकी साझेदार बनाया है, जो स्पेस-ग्रेड नेटवर्क तैयार करेगा। इसके लिए एक हार्डवेयर का एक टुकड़ा तैयार होगा, जिसका वजन शक्कर के थैले से भी कम होगा।

इस खबर के बाद ट्विटर यूजर्स ने अपने अंदाज में ट्वीट करने शुरू कर दिए। @KyaUkhaadLega ने लिखा, ग्रेट कॉम्बिनेशन! नोकिया और वोडाफोन। प्लीज आप दोनों चांद पर ही फोकस करो। वापस आने की कोई जरूरत नहीं है। @punitgoenka ने लिखा, मेरा मानना है कि उन्हें एक बिजी स्ट्रीट से शुरू करना चाहिए, जहां ग्राहक पहले से ही वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे जैसी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। @aniketvpandey ने लिखा कि वोडाफोन चांद पर 4जी नेटवर्क देने की तैयारी कर रही है और इधर डोंबिवली में नेटवर्क ही नहीं है। @anjaninandan ने लिखा कि चांद के बाद जमीन पर भी ट्राई करना वोडाफोन। @ShivGupta01 ने लिखा कि वोडाफोन को पहले मुंबई में 4G नेटवर्क देने के लिए ट्राई करना चाहिए उसके बाद चांद के बारे में सोचना चाहिए।

वोडाफोन ने बताया, ”कंपनियां बर्लिन की पीटीसाइंटिस्ट कंपनी के साथ काम में जुट गई हैं। साल 2019 में केप कैनावेरल से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर मुहिम को लॉन्च किया जाएगा।” वोडाफोन जर्मनी के सीई हैन्स अमेत्सरीटर ने कहा, ”इस प्रोजेक्ट में मोबाइल नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की आधुनिक तकनीक शामिल की गई है।” मिशन में योगदान दे रहे एक अन्य अधिकारी ने बताया, ”हमने 5G नेटवर्क न चुनकर 4G नेटवर्क इसलिए चुना क्योंकि 5G तकनीक उस दौरान टेस्टिंग की दिशा में होगी और संभव है कि वह चांद से बेहतर काम करने में सक्षम ना हो।”

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