2019 में ‘मोदी मुक्त भारत’ का एलान, राज ठाकरे बोले- हिटलर से सीख ले पीएम कोर्ट-मीडिया पर लगा रहे पाबंदी
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सभी राजनीतिक दलों से मिलकर मोदी मुक्त भारत बनाने की अपील की है। ठाकरे का यह बयान मराठा छत्रप और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मिलने के बाद आया है। बता दें कि शरद पवार भी गैर बीजेपी दलों का गठबंधन चाहते हैं और देश से नरेंद्र मोदी की सरकार उखाड़ फेंकना चाहते हैं। इसके लिए शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस के बीच सियासी खिचड़ी भी पक रही है। 13 मार्च को दिल्ली में आयोजित सोनिया गांधी के रात्रि भोज में 20 दलों के नेता शामिल हुए थे। इसमें शरद पवार भी शामिल थे। इसी महीने के अंत में शरद पवार भी दिल्ली में मोदी मुक्त भारत की रणनीति पर समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ बैठक करने वाले हैं।
राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के मौके पर मुंबई के शिवाजी पार्क में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज की तारीख में बीजेपी के पाए एकसूत्री लक्ष्य है कि वो कैसे राम मंदिर के नाम पर देश में दंगा फैलाए ताकि 2019 का लोकसभा चुनाव जीत सके। बता दें कि ठाकरे की यह रैली राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आए राजनीतिक समीकरणों में बदलाव को समेटे हुए था। एमएनएस बने 12 साल हो गए। इस दौरान पार्टी ने कभी भी खुलकर कांग्रेस का समर्थन नहीं किया लेकिन अब गैर बीजेपी दलों के गठबंधन को समर्थन देने के रास्ते पर चल पड़ी है, जिसकी तत्कालीन अगुवाई कांग्रेस कर रही है।
ठाकरे ने कहा कि 2014 में वे लोग मोदी जी के साथ खड़े थे और कांग्रेस मुक्त भारत बनाना चाहते थे लेकिन मोदी सरकार के चार साल बीत जाने के बाद अब महसूस हो रहा है कि मोदी मुक्त भारत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश को बदले के कई वादे किए थे लेकिन सभी मोर्चों पर नाकाम रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एडॉल्फ हिटलर की किताब पढ़कर मीडिया और ज्यूडिशियरी की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि क्या यह आपातकाल से कम है? मोदी सरकार पर हल्ला बोलते हुए राज ठाकरे ने कहा कि नोटबंदी आजादी के बाद का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है।
ठाकरे ने यह भी कहा कि सरकार ने जानबूझकर राफेल डील पर चुप्पी साधी है। उन्होंने कहा कि अंबानी को नागपुर में रक्षा उत्पादन के लिए जमीन दी गई है। सीएम देवेंद्र फड़ऩवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अंबानी की इस कंपनी के भूमि पूजन में मौजूद थे मगर यह कहते फिर रहे हैं कि उन्हें नहीं पता कि राफेल की सहयोगी कंपनी कौन है? उन्होंने आरोप लगाया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के जरिए भी मोदी महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करना चाहते हैं।