22 में से 19 मामलों में AAP विधायक बरी या आरोप खारिज, सिर्फ दो मामलों में दोषी

पिछले साढ़े पांच महीनों से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों और सांसदों के खिलाफ सुनवाई कर रही दिल्ली की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इन नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया है या इन नेताओं को बरी कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस ने कोर्ट के इन रिकॉर्ड्स की जांच की है। इसके मुताबिक विधायकों और सांसदों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दायर किए 22 में 19 मामलों में उन्हें राहत मिली है। 31 जुलाई तक रिकॉर्ड के मुताबिक पार्टी के विधायक दो मामलों में दोषी साबित हुए हैं। एक अन्य मामले में सीबीआई ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) अरविंद कुमार और अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) समर विशाल ने मार्च के पहले सप्ताह में मामले में सुनवाई शुरू की। SC ने सभी सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। कोर्ट के फैसले में जिन नेताओं को राहत मिली है, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, पूर्व मंत्री असीम अहमद खान शामिल हैं। इसके अलावा आप विधायक देविंदर सहरावत रक्षा अधिनियम मामले में दोषी साबित हुए हैं। कोर्ट इस मामले में उन्हें सजा के रूप में चेतावनी दी है। जबकि तुगलकाबाद से आप विधायक सही राम दोषी साबित हुए हैं।

कोर्ट के मुताबिक कुल मौजूदा सांसदों और अलग-अलग राजनीतिक दलों के विधायकों के खिलाफ दिल्ली की छह जिला अदालतों में कुल 144 मामलों में सुनवाई चल रही रही थी, जिन्हें ACMM विशाल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। ACMM ने इसके अलावा कई अन्य मामलों की भी सुनवाई की। इसमें नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी का मामला भी शामिल है।

आम आदमी पार्टी पक्ष के वकील मोहम्मद इरशाद ने बताया कि राज्य द्वारा दायर किए मामलों के अलावा, विधायकों के खिलाफ निजी शिकायतें भी शामिल थीं। इस दौरान इरशाद से पूछा गया कि आप विधायकों के खिलाफ कुल कितने केस दर्ज हैं तो उन्होंने बताया कि इसकी संख्या बताना मुश्किल है क्योंकि अदालत द्वारा नोटिस जारी करने बाद उन्हें शिकायतों के बारे में पता चलता है।

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