22 Days Digital Arrest: ईडी अफसर बनकर बुजुर्ग दंपत्ति को 22 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट, 7 लाख का लगाया चूना

ग्वालियर जिले में डिजिटल अरेस्ट का बड़ा मामला सामने आया है. साइबर अपराधियों ने एक बुजुर्ग दंपत्ति को ईडी अफसर कुल 22 दिनों तक कैद में रखा और अपने खातों में पीड़ित दंपत्ति से कुल 7 लाख 10 हजार रुपए जमा करवा लिए. मामले का खुलासा तब हुआ जब जैसे-तैसे बुुजुर्ग दंपत्ति उनके चंगुल से छूटकर पुलिस के पास पहुंचे.

साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाकर 7 लाख रुपए ठग लिए. ठगों के निशाने पर आया ग्वालियर का बुजुर्ग दंपत्ति MP सहकारी दुग्ध संघ के रिटायर्ड कर्मचारी था. उसे ठगों ने पुलिस और ईडी अफसर बनकर संपर्क किया और पूरे 22 दिनों तक उलझाए रखा.

साइबर ठगों ने ईडी अफसर बनकर बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट किया

रिपोर्ट के मुताबिक गोला मंदिर थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक साइबर ठगों ने ईडी अफसर बनकर बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट किया और पूरे 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर अपने बैंक खाते में जमा 7 लाख 10 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए. बयान के मुताबिक ठगों ने दिन रात बुजुर्ग दंपती को वीडियो कॉल के जरिए निगरानी में रखा.

ठग इतने शातिर थे कि दंपत्ति को एकदूसरे तक से भी बात नहीं करने दिया

पुलिस को दिए बयान के मुताबिक साइबर ठग इतने शातिर थे कि उन्होंने बुजुर्ग दंपत्ति को एकदूसरे तक से भी बात करने का मौका नहीं दिया और जब दोनों आपस में बातें करने लगते थे, तो टोका टाकी करते थे. यहां तक कि घर से बाहर जाने पर भी उन्हें उनके फोन को ऑडियो कॉल पर रखने को कहते थे.

पुलिस और प्रशासन लगातार साइबर क्राइम को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है, लेकिन फिर भी लोग साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसते जा रहे हैं. ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट के शिकार बुजुर्ग को अपराधियों ने ईडी अफसर बनकर संपर्क किया और 22 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा.

जैसे-तैसे ठगों के शिकंजे से निकल कर थाने पहुंचे बुजुर्ग दंपत्ति ने सुनाई आपबीती

पुलिस के मुताबिक गोला मंदिर थाने में दर्ज शिकायत में बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि करीब 22 दिनों तक साइबर ठगों के कैद में रहने के बाद दोनों जैसे तैसे ठगों के शिकंजे से निकल कर गोला का मंदिर थाने पहुंचे और आपबीती सुनाई. बुजुर्ग दंपत्ति की शिकायत के बाद थाने की पुलिस ने मामला क्राइम ब्रांच भेजा, जहां साइबर धारा में मामला दर्ज किया गया.

ठगों ने कॉल कर बुजुर्ग से कहा कि उसके नंबर से 700 करोड़ का लेन-देन हुआ है

जी-7 डेयरी कॉलोनी गोला का मंदिर क्षेत्र निवासी बुजुर्ग अवनीश चंद्र मदनावत को साइबर ठगों ने सबसे पहले 9 जुलाई को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर राना आनंद बनकर कॉल कर कहा कि आपके मोबाइल की सिम दो घंटे में बंद होने वाली है, क्योंकि आपके आधार कार्ड से दिल्ली में दो सिम निकाली गई हैं. इनके जरिए 700 करोड़ रुपए का लेन देन हुआ है.

साइबर ठगों की बात सुनकर बुजुर्ग दंपत्ति सदमें में आए गए. बुजुर्ग को चंगुल में फंसता देख ठगों ने दंपत्ति से कहा कि जिन लोगों ने उनके सिम से पैसा ट्रांसफर किया, उन्होंने इनकम टैक्स नहीं दिया, जो गंभीर अपराध अपराध है, इसलिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है.

डिजिटल अरेस्ट के दौरान ठगों ने डराया कि भागे तो लोकल थाने की पुलिस दबोच लेगी

पीड़ित के मुताबिक बुजुर्ग अवनीश चंद्र को धमकी भरी बातों में फंसाकर ठगों ने एक के बाद एक कई सवाल पूछे और बैंक में जमा पैसों और घर के सदस्यों का ब्यौरा लिया. जब ठगों को भरोसा हो गया कि घर में सिर्फ दंपत्ति रहते हैं, तो बुजुर्ग दंपत्ति से कहा कि वो कैमरे की नजर से नहीं हटेंगे, अगर कोई हरकत की तो लोकल थाने की पुलिस आकर उन्हें दबोचेगी.

जमा पूंजी गंवाने के बाद बुजुर्ग दंपत्ति गोला का मंदिर थाने गए, तो उन्हें भगा दिया गया

अवनीश चंद्र ने पुलिस को बताया कि ठग सिर्फ सोते वक्त वीडियो कॉल बंद करते थे, यहां तक बाजार जाते वक्त वीडियो की जगह ऑडियो कॉल पर फोन रखना पड़ता था. दंपत्ति जो बातचीत करते थे, उस पर भी ठग नजर रखते थे. बुजुर्ग अवनीश चंद्र बताते हैं जब जमा पूंजी नहीं लौटी तो उन्हें शक हुआ और गोला का मंदिर थाने जाकर घटना की शिकायत दर्ज कराई.

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पीड़ित ने बताया कि साइबर ठगों के खिलाफ गोला मंदिर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचा तो टीआई हरेन्द्र शर्मा ने उसे फटकारा. उनसे कहा गया कि यह थाने का मामला नहीं है, क्राइम ब्रांच जाकर शिकायत करो, जिसके बाद पीड़ित बुजुर्ग के साथ हुई साइबर ठगी का मामला दर्ज किया गया. 

बुजुर्ग के खाते में 7 लाख 31 हजार 244 रुपए थे, दो फीसदी छोड़कर ठगों ने सब ले लिए

पीड़ित बुुजुर्ग अवनीश चंद्र ने बताया कि उनके खाते में 7 लाख 31 हजार 244 रुपए जमा था, ठगों ने दो फीसदी रुपए छोड़कर 7 लाख 10 हजार रुपए फिरोजाबाद के खाते में ट्रांसफर कराया. ठगों ने कहा बुजुर्ग के नाम से सिम निकालने वाले ठगों के साथ संबंध नहीं निकलने पर बुजुर्ग के पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे, लेकिन पैसा खाते में नहीं लौटाया गया.