25 लाख की दही हांडी! मुंबई में गोविंदाओं की तो मौज आला रे!
महाराष्ट्र में दही हांडी के उत्सव में गोविंदाओं पर लाखों रुपये की बरसात हो रही है. चुनावी साल में कोई भी राजनीतिक दल इस मौके को गंवाने के मूड में नजर नहीं आ रहा है. दही हांडी के लिए सबसे बड़ा इनाम 25 लाख रुपये रखा गया है.
देशभर में आज दही हांडी का महोत्सव मनाया जा रहा है… गोविंदाओं में गजब का जोश देखने को मिल रहा है. यह उत्सव हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन होता है. महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव को लेकर युवा गोविंदाओं में अलग ही जोश देखने को मिलता है. गोविंदाओं में ये जोश लाखों रुपये के इनाम की वजह से और बढ़ जाता है. इस साल भी दही हांडी पर लाखों का इनाम रखा गया है. सबसे बड़ा इनाम 25 लाख रुपये है, जो ठाणे के संस्कृति युवा प्रतिष्ठान ने रखा है. इसके अलावा मुंबई में अलग-अलग जगह और राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित दही हांडी में लाखों रुपये के इनाम रखे हैं.
गोविंदाओं पर पैसे की बारिश
मुंबई में दही हांडी प्रतियोगिता में संस्कृति युवा प्रतिष्ठान ठाणे ने सबसे बड़ा इनाम 25 लाख रुपये की घोषणा की है. विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले गोविन्दा ‘पथक’ को 25 लाख का इनाम दिया जायेगा. वहीं, जो टोली पहले 9 युमन पिरामिड बनाएगा उसे 11 लाख रुपये का इनाम मिलेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित ठाणे के टेंभी नाका की दही हांडी में भी गोविन्दाओं पर इनामों की बारिश होगी. राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि विजेता टीम को 25 लाख रुपये, उपविजेता को 15 लाख रुपये, तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 10 लाख रुपये और चौथी टीम को 5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. शेष बारह ‘पाठकों’ में से प्रत्येक को आयोजकों द्वारा प्रायोजित सभी पुरस्कारों के साथ, 1-1 लाख रुपये मिलेंगे.
शहर में सबसे भव्य दही हांडी समारोहों में से एक की मेजबानी के लिए प्रसिद्ध, पूर्व शिवसेना एमएलसी रवींद्र फाटक ने बताया कि उन्हें पहले ही ठाणे और मुंबई में 150 गोविंदा टीमों से पंजीकरण प्राप्त हो चुका है. और उन्हें आकर्षक पुरस्कारों के साथ इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए कई मशहूर हस्तियों के आने की उम्मीद है. ” स्वामी प्रतिष्ठान के शिवाजी पाटिल, जो भाजपा से भी जुड़े हैं, उन्होंने बताया, “दही हांडी के लिए 11 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक के कुल 51 लाख रुपये से अधिक के पुरस्कारों की घोषणा की गई है” वहीं, एमएनएस द्वारा आयोजित दही हांडी में नौ स्तरों वाली गोविंदा मंडलियों को सामूहिक रूप से 11 लाख रुपये देगी, साथ ही सभी महिला गोविंदा को भी पुरस्कार दिये जाएंगे.
सिर्फ उत्सव नहीं रह गया दही हांडी
महाराष्ट्र में दही हांडी अब सिर्फ एक उत्सव नहीं रह गया है, यह एक खेल बन गया है. इसमें गोविंदाओं की एक टोली, दूसरे को पछाड़ने के लिए खेलती है. यहां तक कि राजनेता भी एक-दूसरे को मात देने के खेल में शामिल हो रहे हैं. यह त्यौहार जन्माष्टमी समारोह का हिस्सा है, जिसमें “गोविंदा” शहरों में घूमते हैं और दही से भरी हांडी (मिट्टी के बर्तन) तोड़ने और बड़े पुरस्कार जीतने के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. दही हांडी का उत्सव अब शिवसेना के दो गुटों के बीच एक और टकराव का मुद्दा बन गया है. यहां तक कि राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी इस मुकाबले का दिलचस्प कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी राज्य की “दही हांडी” राजनीति में नई खिलाड़ी है.
सरकार ने कराया गोविंदाओं का बीमा
महाराष्ट्र में दही हांडी में भाग लेने वाले गोविंदाओं के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार दही हांडी प्रतियोगिता में शामिल होने वाले लोगों को 10 लाख रुपये का बीमा कवर भी प्रदान करेगी. इसके अलावा अगर किसी गोविंदा की जान चली जाती है, तो परिवार को 10 लाख रुपये का बीमा दिया जाएगा. वहीं, किसी गोविंदा को गंभीर चोट लगने पर सरकार 7 लाख रुपये और फ्रैक्चर होने पर 5 लाख रुपये देगी. ऐसे में गोविंदा और बढ़-चढ़कर दही हांडी की प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं. कई बार अपनी जान भी जोखिम में डालते हैं.
दही हांडी… चुनावी साल में युवाओं को लुभाने का मौका
महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में दही हांडी उत्सव को लेकर राजनीतिक दल काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक दलों और दावेदारों ने जन्माष्टमी के दौरान अपने गढ़ों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए दही हांडी उत्सव को एक मौके की तरह देख रहे हैं. मुंबई में शिवसेना, कांग्रेस, बीजेपी समेत सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने स्तर पर दही हांडी कार्यक्रमों को आयोजन किया है. इन आयोजनों में ज्यादा से ज्यादा इनाम देने की होड़-सी मची हुई है. महाराष्ट्र के एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, “ठाणे ने राजनीतिक मंच पर काफी दबदबा हासिल कर लिया है और जाहिर तौर पर कोई भी नेता या पार्टी, चाहे वह सत्ता में हो या विपक्ष में, इस मौके को गंवाना नहीं चाहेगा. इसलिए कई दही हांडी कार्यक्रमों का आयोजन इस बार देखने को मिल रहा है.”