दिल्ली में सीलिंग में चार हजार से अधिक कारखानों के बंद होने के असार, 25 हजार लोगों के रोजगार संकट में
पूर्वी दिल्ली के विश्वासनगर इलाके में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाले व्यापारियों में कोहराम मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति के शुक्रवार को जारी निर्देशानुसार एक साथ बड़े पैमाने पर हो रही सीलिंग से अनुमान है कि करीब दो से चार हजार फैक्ट्रियां सील होंगी और 25 हजार से ज्यादा लोगों पर बेरोजगारी की मार पड़ेगी। कई फैक्ट्री मालिकों को नोटिस भी दे दिया गया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार से सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो सकती है। निर्देश के अनुसार पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 12 दल शनिवार और रविवार शाम तक पूरे इलाके का निरीक्षण करते रहे।
सीलिंग की तिथि बढ़ जाए और कोर्ट से उन्हें राहत मिले इसके लिए भाजपा टास्क फोर्स समिति के सदस्य और पूर्व उपमेयर महेंद्र आहूजा के नेतृत्व में व्यापारियों की एक टीम ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति से समय मांगा है। शुक्रवार को निगरानी समिति ने शाहदरा दक्षिण जोन इलाके के विश्वासनगर अशोक मार्केट और सुभाष रोड का दौरा कर निगम के जोन उपायुक्त को तुरंत कार्रवाई और सीलिंग के निर्देश देते हुए 14 अगस्त तक समिति के सामने वस्तुस्थिति रखने कहा है। यमुनापार के विश्वासनगर में स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बावजूद शनिवार और रविवार को नगर निगम की टीम ने फैक्ट्रियों को सील करने के बाबत सर्वे शुरू कर दिया। छुट्टी होने के बाद भी रविवार को दलों ने भारी पुलिस बल और सीआरपीएफ के साथ मौका मुआयना किया जिसमें कुछ फैक्ट्रियों में ताले जड़े पाए गए, बाकी को नोटिस देकर सीलिंग के लिए तैयार रहने कहा गया।
शनिवार को भी उद्यमियों के विरोध के बीच देर शाम तक सर्वे चलता रहा था। सर्वे की गणना के बाद अब निगम आयुक्त निगरानी समिति के सामने जाएंगे और फिर सोमवार को सभी फैक्ट्रियों को 48 घंटे के अंदर सील करने का नोटिस दिया जाएगा और संभव है बुधवार से सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति के सदस्य भूरेलाल और केजे राव ने विश्वासनगर व गांधी नगर का शुक्रवार को दौरा किया था। इस दौरान रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियां देखकर नाराजगी जताई और सभी फैक्ट्रियों को सील करने के निर्देश दिए थे। यह आदेश बिल्डिंग बायलाज के हिसाब से दिया गया जिसमें रिहाइशी इलाके में व्यावसायिक गतिविधियां नहीं चलाई जा सकती।
निगरानी समिति के निर्देश के बाद पूर्वी दिल्ली नगर निगम का शाहदरा दक्षिणी जोन हरकत में आ गया है। बताया जा रहा है कि विश्वासनगर में पहले हुए सर्वे के मुताबिक करीब 4000 फैक्ट्रियां हैं जिनमें बिजली के तार (पीवीसी), बाहर से सामान लाकर यहां पैकेजिंग, गत्ते और तेजाब आदि की फैक्ट्रियां हैं। इस इलाके में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को सील करने की कार्रवाई फैक्ट्री लाइसेंसिंग विभाग से पहले से ही की जा रही है। अब बुधवार से भवन विभाग नए सिरे से कार्रवाई करेगा। यह कार्रवाई रिहाईशी इलाके में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाले भवनों के दुरुपयोग के मामले में होगी। इस बारे में भाजपा टास्क फोर्स के सदस्य, पूर्व मेयर महेंद्र आहूजा का कहना है कि विश्वासनगर में 2200 प्लॉट हैं और लगभग 70 से 80 फीसद फीसद हिस्से में चार हजार फैक्ट्रियां हैं। इस क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जाए या नहीं यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है। इसलिए बिल्डिंग बायलॉज के आधार पर कार्रवाई का आदेश देने पर दोबारा से विचार करना चाहिए। मास्टर प्लान 2001 में बना और 2007 में लागू हुआ लेकिन उस पर कार्रवाई 2018 में की जा रही है। अब तो नए मास्टर प्लान का समय आ गया है। इस फैसले से दिल्ली में बेरोजगारी बढ़ेगी, अराजकता फैलेगी।
इसलिए वह उद्यमियों के साथ निगरानी समिति के सदस्यों से मिलेंगे। वह कहते हैं कि एक अनुमान के मुताबिक 25 हजार से ज्यादा लोग इस सीलिंग की मार के बाद बेरोजगार हो जाएंगे। आहूजा ने बताया कि मदनलाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने कुछ व्यापारियों को बवाना में प्लॉट भी दिए थे मगर वे अपर्याप्त थे लिहाजा यहां व्यापारिक गतिविधियां जारी रही।
विश्वासनगर के बाद गांधीनगर की बारी
विश्वासनगर के बाद गांधीनगर मार्केट में भी कार्रवाई होगी। यह कार्रवाई विश्वासनगर के तुरंत बाद होगी। कमेटी ने इन इलाकों में भी मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन पाया है। निगरानी समिति ने सुभाष रोड बाजार और अशोक रोड बाजार का दौरा कर पाया कि सुभाष रोड पर शंभू नाथ बिल्डिंग की पांच गलियां, प्रेम गली और किशन गली में दो मार्ग रिहायशी इलाके में आते हैं लेकिन यहां भी शोरूम चल रहे हैं। अब यहां चल रहीं फैक्ट्रियां और दुकानें बंद की जाएंगी।
कनिष्ठ अभियंताओं का बनाया गया है दल
पूर्वी निगम ने 12 टीम इलाके के कनिष्ठ अभियंताओं के नेतृत्व में बनाई है। इन्हें देखने के लिए सहायक अभियंता पीके पांडेय और राजीव जैन की निगरानी में दो अन्य टीम हैं और फिर इन सभी 14 टीम के ऊपर अधीक्षण अभियंता प्रेमवीर सिंह पूरी तरह से निगरानी रख रहे हैं। इन 12 दल के ऊपर भी तीन टीमें हैं जिनका इन पर नियंत्रण है।