2G घोटाला: आशुतोष बोले-BJP ने कर ली डील, तो लोगों ने पूछा- AAP की सरकार ने शीला दीक्षित के साथ कौन सा सौदा किया

सीबीआई की विशेष अदालत ने 1.76 लाख करोड़ के 2 जी घोटाले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके सांसद कनीमोई के अलावा 17 लोग आरोपी थे। अदालत के फैसला सुनाते ही आप नेता आशुतोष ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि, जांच एजेंसियां मोदी सरकार के इशारों पर काम कर रही हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सीबीआई को सवालों के कटघरे में खड़ा किया। पूछा- आखिर क्यों 2 जी घोटाले की जांच सही से नहीं हुई। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत क्यों नहीं जुटाए। आशुतोष ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर तंज कंसा, जिस समय ये घोटाला सामने आया था तो बीजेपी विपक्ष में थी और सरकार के खिलाफ हंगामा की था। फिर आरोपियों को अपनी सरकार में सजा क्यों नहीं दी। आप नेता आशुतोष ने पूछा- सरकार बनने के बाद कहीं डील तो नहीं हो गई।

आशुतोष के ट्वीट करते ही लोगों ने ट्रोल करना शुरु कर दिया। यूजर ने आशुतोष के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि गेट वेल सून। संबित पात्रा के पैरोडी अकाउंट यूजर ने लिखा- आशुतोष जी, जरा मैक्स हॉस्पिटल के बारे में भी कुछ बोलिए। रत्नेश मिश्रा ने लिखा, ‘पहले आप बताइए आपने शीला दीक्षित के साथ क्या डील की।’ चंदन वर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ सरजी, शीला जी के खिलाफ 370 पन्नों के सबूत का क्या हुआ।’ बता दें कि दिल्ली में सरकार बनाने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सत्ता में आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे थे। एक यूजर ने लिखा, ‘100 टन imported मशरूम की डील की है ,तुम्हारे लिए भेजे क्या 100 ग्राम ,ज़रूरत है आपको।’ एक यूजर ने लिखा सेटिंग हो गई है। वहीं एक यूजर ने दिल्ली स्थित शालीमार बाग के अस्पताल को दोबारा चालू करने पर लिखा है कि ‘ पहले ये बताएं कि मैक्स हॉस्पिटल की साथ क्या डील हुई जो इतनी जल्दी कैन्सेलेशन वापस ले लिया?’

वहीं कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने गुरुवार को 2जी घोटाले के सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के बाद कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सही साबित हुए हैं कि स्पेक्ट्रम के आवंटन और दूरसंचार कंपनियों को दिए गए लाइसेंस में कोई घोटाला नहीं हुआ था।

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