हरियाणा में एक साल से सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे 300 दलितों ने किया धर्मांतरण


हरियाणा के हिसार में पिछले एक साल से सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे करीब 300 दलितों ने धर्मांतरण कर लिया है। इन सभी दलितों ने एक कार्यक्रम में सामूहिक रुप से बौद्ध धर्म अपना लिया है। बता दें कि यह घटना हिसार के एक गांव भाटला की है, जहां रह रहे करीब 300 दलितों का गांव के अन्य समुदाय के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार किया हुआ था। यह सामाजिक बहिष्कार पिछले साल जुलाई माह से जारी था। इतने समय तक भी जब राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो दलित समुदाय के लोगों ने बौद्ध धर्म में धर्मांतरण कर लिया।

धर्मांतरण का यह कार्यक्रम गांव के ही गुरु रविदास मंदिर में आयोजित हुआ। एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश खापेर ने की। वहीं कार्यक्रम में मानवाधिकार के राष्ट्रीय दलित गठबंधन के संयोजक रजत कालसन मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। धर्मांतरण के लिए यमुनानगर और बल्लभगढ़ से बौद्ध बुलाए गए थे। जिन्होंने धर्मांतरण की औपचारिकताएं पूरी करायीं और धर्मांतरण के कागजात भी तैयार कराए। इस मौके पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रजत कालसन ने कहा कि मौजूदा सरकार में दलितों के साथ बड़े स्तर पर भेदभाव किया जा रहा है। कालसन ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार भटाला गांव में दलितों के सामाजिक बहिष्कार के मामले में उचित कारवाई करने में नाकाम रही।

भटाला ‘दलित संघर्ष समिति’ के अध्यक्ष बलवान सिंह ने कहा कि दलित समुदाय पिछले साल जुलाई से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है। लेकिन पुलिस अधिकारियों और गांव की ‘भाईचारा समिति’ ने इस मामले को सुलझाने में कोई मदद नहीं की। उल्लेखनीय है कि हाल ही में हरियाणा के जींद जिले में भी करीब 120 दलितों ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। इसके साथ ही राजस्थान के बाड़मेर में भी एक गांव में 70 दलितों के बहिष्कार करने का मामला सामने आया था।

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