40 साल के शौहर ने 21 साल की महिला को तीन तलाक दिया, पीड़िता ने बजरंग दल से मदद मांगी
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 21 साल की गर्भवती महिला ने दावा किया है उसके 40 साल के पति ने उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया है। उसने ये भी कहा कि तीन तलाक के बाद उसने गुजारा भत्ता देने से भी इनकार कर दिया है। महिला का आरोप है कि ये तलाक सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिमों के बीच प्रचलित तीन तलाक की कुप्रथा असंवैधानिक है।
जबकि केंद्र सरकार ऐसा कानून बनाने की योजना बना रही है जिसमें महिला को तीन तलाक देने पर पुरुष को तीन साल की जेल की सजा दी जाए। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि देहरादून के रायपुर इलाके में रहने वाले उसके पति रईस कुरैशी ने उसके गर्भवती होने के बावजूद उसे भरी बरसात में घर से निकाल दिया। अब महिला ने बजरंग दल के स्थानीय नेताओं से मदद की गुहार लगाई है। बजरंग दल के कार्यकर्ता पीड़ित महिला को लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे।
बजरंग दल के नगर संयोजक विकास वर्मा ने बताया,”पीड़ित महिला हमारे पास तीन दिन पहले आई थी और अपनी आपबीती सुनाई। हमने उसकी मदद करने का फैसला किया। हम पीड़िता को लेकर पुलिस मुख्यालय में कानून और व्यवस्था विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अशोक कुमार से मिलने आए हैं। उन्होंने हमें पूरा भरोसा दिलवाया है कि पीड़िता के साथ पूरा न्याय होगा।” वहीं एडीजी अशोक कुमार ने कहा,”ये मामला वाकई बेहद गंभीर है और पुलिस पीड़िता की हर संभव सहायता करेगी और उसकी हर मुश्किल को सुलझाने में मदद करेगी।”
पीड़ित महिला देहरादून शहर के मेहुवाला इलाके की रहने वाली है। उसने बताया कि रईस कुरैशी से उसकी शादी पिछले साल 28 अक्टूबर को हुई थी। ये उसकी दूसरी शादी थी। जबकि अपने पहले पति से वह आपसी रजामंदी से एक साल पहले अलग हो गई थी। महिला ने बताया कि उसके पहले पति को एचआईवी था। मेडिकल जांच में उसे एड्स होने की पुष्टि के बाद उन्होंने तलाक ले लिया था। महिला को पहले पति से 2 साल का बेटा है। उसे दूसरे पति रईस कुरैशी ने एक हफ्ते पहले तीन तलाक दे दिया था।
महिला ने बताया,”पहले पति से तलाक लेने के बाद मैं अपने दो साल के बेटे की देखरेख के लिए नौकरी करना चाहती थी। मैं एक साल पहले रईस कुरैशी के संपर्क में आई थी, उसने मुझे अपनी दुकान पर नौकरी दी थी। मेरा काम रायपुर इलाके में स्थित उसकी मीट की दुकान को संभालना था, जिसके बदले में मुझे 10 हजार रुपये महीना वेतन मिलता था।”
महिला ने बताया कि एक दिन दुकान पर कुरैशी का साला फुरक़ान आया। उसने मुझे दुकान की बिक्री की जानकारी मांगी और मेरे साथ बलात्कार कर दिया। महिला ने दावा किया,”मैंने इस घटना के बारे में रईस कुरैशी की पत्नी और फुरक़ान की बहन को बताया। अपने भाई को बचाते हुए उसने मुझ पर रईस कुरैशी के साथ अवैध संबंध रखने और रेप करने का आरोप लगाया।
इसके बाद मैंने स्थानीय पुलिस थाने में फुरक़ान के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवा दिया।” पीड़ित महिला ने बताया,”वारदात के कुछ ही महीने बाद रईस कुरैशी ने भी मेरा रेप किया। मैं रईस के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाना चाहती थी, लेकिन उसने मुझसे कहा कि वह मुझसे शादी करेगा। मैं मान गई और उसने मुस्लिम रीति-रिवाजों के साथ पिछले साल 28 अक्टूबर को मुझसे निकाह किया था।”
महिला ने बताया,”शादी के कुछ ही महीनों के बाद कुरैशी की पहली पत्नी ने मुझे मारना—पीटना शुरू कर दिया। वह मुझ पर घर से निकल जाने का दबाव बना रही थी। एक महीना पहले उसने मेरे ऊपर चाकू से हमला किया था। मेरे गर्भवती होने के बावजूद उसने मेरे पेट पर वार किया। इसके बाद मैंने उसके खिलाफ रायपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया। सात दिन पहले रईस कुरैशी ने मुझे मीट की दुकान से आकर तीन तलाक दे दिया। उसने मुझसे मीट की दुकान से निकल जाने के लिए भी कहा।”
हालांकि महिला के पति से संपर्क कई कोशिशों के बाद भी नहीं हो सका। पीड़ित महिला ने बताया कि वह गरीब परिवार से आती है। उसके पिता को लकवा मार चुका है। वह लंबे समय से बिस्तर पर लेटे हुए हैं। जबकि उसकी मां को दिल की बीमारी है। उसके ऊपर पूरे घर को चलाने का भार है। उसके पांच भाई हैं, जिनके अपने परिवार हैं। इस तीन तलाक के कारण मेरी नौकरी भी जा चुकी है और अब मैं बेसहारा हो चुकी हूं।