रंगारंग माहौल में अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का आगाज

सुप्रसिद्ध अभिनेता शाहरुख खान ने एआर रहमान अनुपम खेर सुभाष घई, विशाल भारद्वाज, नाना पाटेकर , शेखर कपूर, श्रीदेवी, सुधीर मिश्रा शाहिद कपूर, सहित सैकड़ों देसी-विदेशी फिल्मकारों-कलाकारों की उपस्थिति में सोमवार को गोवा के श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम मे भारत के 48 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का शुभारंभ किया।

शाहरुख खान ने कहा कि सिनेमा सबको जोड़ता है,चाहे आप किसी भी धर्म, जाति, देश या समुदाय के हों। सिनेमावाले प्रेम की कहानियां सुनाते है और सबको जोड़ते हैं। सिनेमा बनाने वाले और देखने वाले सभी लोग एक ही परिवार के हैं। वे प्रेम में विश्वास करते हंै। अगर कहानी सुनने वाला नही है तो कहानी बेकार है। हम कहानियों के जरिए संसार को जोड़ते हैं। भारत में कहानी सुनाने की सदियों पुरानी परंपरा है। भारत कहानियों की मातृभूमि है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि भारत मे सोलह सौ बोलियों में कहानियां कही जाती हैं। हमारे सिनेमा में आज कई पीढ़ियां एक साथ सक्रिय हैं।

इस बार ईफी में लगभग तीस स्त्री निर्देशकों की फिल्में दिखाई जा रही हंै तो युवा फिल्मकारों की पहली फिल्म के लिए एक अलग अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड है जिसके लिए दस लाख रुपए का पुरस्कार शुरू किया गया है। शांति, सद्भावना और एकता जैसे गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने वाली फिल्मों के लिए आइसीएफटी यूनेस्को गांधी मेडल का अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड शुरू किया गया है ।पिछले समारोह के बाद दिवंगत हुए फिल्मी हस्तियों को श्रद्धांजलि का एक अलग खंड है। इसमें ओम पुरी (अर्ध सत्य), कुंदन शाह (जाने भी दो यारों), विनोद खन्ना ( अचानक), टॉम आल्टर( ओशन आॅफ ऐन ओल्ड मैन), रीमा लागू (सावली), जयललिता (आइरत्तिल ओरूवन), अब्दुल माजिद (चमेली मेमसाब), डॉ दासारी नारायण राव (ओसे रामुलाम्मा) और रामानंद सेनगुप्ता (नागरिक) की फिल्में दिखाई जा रही हंै। इस वर्ष दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित दक्षिण भारत के जाने माने फिल्मकार के़ विश्वनाथ की फिल्मों का पुनरावलोकन किया जा रहा है ।

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