5 साल की उम्र से ही घर चलाने के लिए रेल की पटरियों से कोयला बीनकर लाया करते थे ओम पुरी

बॉलीवुड एक्टर ओमपुरी आज भले ही हमारे बीच नहीं हों। लेकिन फिल्मों में निभाए गए उनके दमदार किरदार हमेशा फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे। ओम पुरी का बचपन काफी संघर्षों में बीता था। 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में जन्म लेने वाले ओम पुरी अपने बचपन के दिनों से ही काम किया करते थे। ओमपुरी महज 5 साल की उम्र से ही घर चलाने के लिए रेल की पटरियों से कोयला बीनकर लाया करते थे। इसके बाद जब वह सात साल के हुए तो उन्होंने एक ढाबें में नौकरी करना शुरू कर दिया। ढाबें में वो बर्तन धोने का काम करते थे, लेकिन कुछ दिनों बाद ही ढाबे के मालिक ने उन पर चोरी का आरोप लगा दिया। जिसके बाद उन्हें वहां से नौकरी से निकाल दिया गया। ओमपुरी नौकरी करते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखा था। सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया। इस दौरान वे कई छोटी-मोटी नौकरियां करते रहे।

ओम पुरी को स्कूल के दिनों से ही एक्टिंग का शौक था। ग्रेजुएशन की पढ़ाई एफटीआईआई पुणे से करने के बाद साल 1973 में ओम पुरी एनएसडी (NSD) से एक्टिंग का कोर्स किया। साल 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ साल तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी। इसके बाद ओमपुरी ने अपने निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा’ की स्थापना की।

 

 ओम पुरी ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की थी। वर्ष 1980 में रिलीज फिल्म ‘आक्रोश’ ओम पुरी के करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद ओमपुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। ओम पुरी ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं। ओम पुरी को ‘आरोहण’ और ‘अर्धसत्य’ के लिए सर्वश्रेष्ठ एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

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