हरियाणा के गुरुकुल में बच्चों के साथ उसी स्कूल के सीनियरों ने किया अप्राकृतिक यौन कृत्य, मामला हुआ दर्ज


हरियाणा के एक गुरुकुल में बच्चों के साथ दरिंदगी की गई। रक्षा बंधन पर परिवार वाले मिलने पहुंचे, तो पीड़ितों ने रो-रोकर आपबीती सुनाई। मामले के बारे में जान कर पीड़ितों के घर वाले सन्न रह गए। हंगामे और दबाव के बाद शिकायत दर्ज की गई, तब जाकर मामले का भंडाफोड़ हुआ। छह बच्चों ने आरोप लगाया है कि सात सीनियरों ने उनके साथ अप्राकृतिक यौन कृत्य किया। पीड़ितों का कहना है कि सीनियरों ने उन्हें चॉकलेट देने का लालच देकर फुसलाया था। वे उसी के आधार पर तकरीबन 10 दिनों तक कुकर्म करते रहे। सीनियरों ने कई बार तो वारदात को अंजाम तब दिया, जब ये बच्चे गहरी नींद में होते थे।

गुरुकुल में छठी कक्षा के एक छात्र ने इस बाबत सात सीनियरों (नाबालिग) के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (पॉक्सो) एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। पीड़ितों का यह भी दावा है कि उन लोगों ने जब इस मामले की शिकायत गुरुकुल के प्राचार्य और निदेशक से की तो कार्रवाई करने की जगह पर पीड़ित बच्चों को ही सजा दे दी गई।

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उल्टा, गुरुकुल की तरफ से शिकायत करने वाले बच्चों को यह हिदायत दी गई कि वे इस मामले पर शांत ही रहें। ऐसे में शुरुआत में इस बारे में पुलिस को भी भनक न लग पाई थी। रविवार (26 अगस्त) को इन्हीं बच्चों के परिजन गुरुकुल मिलने पहुंचे थे, जहां उन्होंने घर वालों को आपबीती सुनाई। फिर मामला पुलिस के सामने आ सका।

आरोप है कि गुरुकुल प्रशासन एक हफ्ते तक इस मसले पर चुप्पी साधे रहा। दबाव बनने वह आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़ितों के परिवार के हंगामे पर शिकायत दर्ज कराई गई। शिक्षक और प्राचार्य फरार हैं। हालांकि, गुरुकुल प्रबंधन के खिलाफ धारा 202 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पीड़ित छात्रों का मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है। वॉर्डन के अनुसार, बच्चों के साथ ऐसा कुछ नहीं होता। वे गुरुकुल से निकलने के चक्कर में इस प्रकार के आरोप लगाते हैं। वे कई बार मारपीट को छेड़छाड़ का रूप भी इसी वजह से दे देते हैं।

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