62वें जन्मदिन पर मायावती का हमला- ईवीएम छेड़छाड़ कर निरंकुश भाजपाई आरक्षण खत्म करने पर तुले
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर ईवीएम को लेकर सवाल किया कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने में घबराहट क्यों है? मुख्य चुनाव आयुक्त को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए क्योंकि जनता के साथ वादा खिलाफी की आवाज चारों तरफ से उठने लगी है। मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ वाले नरेंद्र मोदी जी इस बार गुजरात में बाहर होते-होते बचे हैं। गुजरात में अगर दलितों का 18 से 20 फीसदी वोट होता तो फिर वह बाल-बाल नहीं बच पाते, ऊना कांड ही मोदी को बेघर कर देता। मायावती ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार संविधान और कानून बदलना चाहती है। उनकी सरकार के मंत्री कहते हैं कि देश का संविधान बदला जाएगा, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ईवीएम में गड़बड़ी के कारण भाजपा के नेता निरंकुश हो गए हैं। अगर भाजपा के लोग खुद को ईमानदार और दूध का धुला मानते हैं तो फिर यह लोग आने वाले सभी चुनाव बैलट पेपर से करवाने से घबराते क्यों है? मुख्य चुनाव आयुक्त को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए, वरना इनके लिए चुनाव कराना खानापूर्ति करना होगा और जनता के साथ वादा खिलाफी की आवाज भी अब चारों तरफ से उठने लगी है। उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ साथ लोकसभा चुनाव भी करवा सकती है।
मायावती का जन्मदिन इस बार ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने अपने जीवन पर आधारित किताब के 13वें संस्करण ”मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन किया। इस किताब को ‘ब्लू बुक’ नाम दिया गया है। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा, ”बहुजन समाज पार्टी देश की ऐसी पहली पार्टी है जिसने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद ईवीएम में गड़बड़ी के खिलाफ आवाजा उठाया था और बाद में इसके खिलाफ पार्टी उच्चतम न्यायालय भी गई। नतीजतन ईवीएम में जो भी सुधार हुआ वह बहुजन समाज पार्टी की वजह से हुआ है।” मायावती ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस और बीजेपी ने हर वर्ग को नुकसान पहुंचाया है। आज हर राज्य में सांप्रदायिक और जातिवाद का माहौल बनाया जा रहा है। कांग्रेस और भाजपा चोर-चोर मौसरे भाई हैं। आम्बेडकरवादी पार्टी बसपा को पूंजीवादी सोच वाली पार्टियां बढ़ते हुए नहीं देखना चाहतीं। पहले कांग्रेस एंड कंपनी और अब बीजेपी एंड कंपनी हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है।
मायावती ने कहा कि उन्हें राज्यसभा में बोलने नहीं दिया गया, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया। इसी तरह बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर को भी परेशान किया गया था, जिसके चलते उन्होंने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। मायावती ने कहा कि उनके इस्तीफे से लोगों को अब समझ आ गया है। यही कारण है कि स्थानीय निकाय चुनाव में उन्हें बड़ी सफलता मिली। उन्होंने कहा कि मैं खासकर कांग्रेस पार्टी से ये जानना चाहती हूं कि बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित क्यों नहीं किया था। इसके अलावा मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा एंड कम्पनी के लोगों की सरकार आरक्षण की व्यवस्था को निष्क्रिय करके लोगों को बेरोजगार बना रही है। इस अवसर पर मायावती ने कहा कि नोटबंदी की वजह से परेशानी में आई प्रदेश की जनता की उनकी पार्टी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के जीएसटी की वजह से छोटे कारोबारी काफी परेशान हैं।