बुंदेलखंड राज्य की मांग उठी, डेढ़ महीने से भूख हड़ताल कर रहे 250 लोगों ने बाल मुंडवाए
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विभाजित बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित किए जाने की मांग को लेकर पिछले 46 दिन से महोबा जिला मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठे बुंदेली समाज संगठन के समर्थन में ढाई सौ लोगों ने अपने सिर का मुंडन करवाया। मुंडन कराने वाले लोगों ने भाजपा नीत केन्द्र व राज्य सरकारों पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया।
बुंदेली समाज संगठन के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विभाजित बुंदेलखंड को पृथक राज्य घोषित किए जाने के लिए पिछले 46 दिन से भूख हड़ताल की जा रही है। संगठन का आरोप है कि भाजपा नीत केन्द्र व दोनों प्रदेशों की राज्य सरकारें अपने चुनावी वादों से मुकर गई हैं। पाटकर ने कहा कि जब तक झारखंड, उत्तराखंड, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की तरह बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित नहीं किया जाता, तब तक बुंदेलखंड़ के किसान, मजदूर और कामगारों को ‘कर्ज’ और ‘मर्ज’ की बीमारी से मुक्ति नहीं मिलेगी।
पाटकर ने कहा कि ‘झांसी की सांसद और केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने पिछले लोकसभा के अपनी हर चुनावी जनसभाओं में केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने पर बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित किए जाने का वादा किया था, लेकिन अब वह अपना वादा भूल चुकी हैं। पाटकर ने बताया कि कल पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग के समर्थन में आल्हा चैक के पास डॉ आम्बेडकर पार्क में 250 समर्थकों ने अपने सिर का मुंडन करवा कर बाल दान किए हैं।
इस काम के लिए दस नाई लगाए गए जो तीन घंटों में ढाई सौ समर्थकों का मुंड़न कर पाए। भूख हड़ताल पर बैठे जिला अधिवक्ता समिति के पूर्व अध्यक्ष सुखनंदन यादव ने बताया, ‘पृथक बुंदेलखंड राज्य के समर्थन में कई सामाजिक संगठन भाग ले रहे हैं और यह आंदोलन अंतिम निष्कर्ष आने तक चलेगा। किसानों के संगठन ‘बुंदेलखंड किसान यूनियन’ के केन्द्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा पहले ही पृथक राज्य की मांग को लेकर आगामी 20 सितंबर को प्रत्येक जिला मुख्यालयों में बृहद प्रदर्शन और सड़क जाम किए जाने की घोषणा कर चुके हैं।