छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में 3 महिला नक्सली सहित 7 नक्सलियों को मार गिराया

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां पर डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में 7 नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गये नक्सलियों में 3 महिला नक्सली भी शामिल हैं। पुलिस ने इनके शव को बरामद कर लिया है। गुरुवार (19 जुलाई) सुबह कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर से इनके शव बरामद किये गये। ये इलाका तिमानेर जंगल में पड़ता है। सुरक्षा बलों ने इनके पास से 2 इंसास रायफल, दो .303 राफयल और एक 12 बोर का रायफल बरामद किया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर अभी भी एनकाउंटर चल रहा है।सूत्रों के मुताबिक एनकाउंटर आज तड़के शुरू हुआ। राज्य डीआईजी एंटी नक्सल ऑपरेशन सुंदरराज पी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि डीआरजी और एसटीएफ की टीमें ऑपरेशन पर थीं, तभी उन्हें जंगल में नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली।

 

पुलिस का कहना है कि सुरक्षा बल अभी तिमिनार और पुसनार गांव की घेराबंदी कर ही रहे थे कि नक्सलियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। सुरक्षा बलों ने भी इसका माकूल जवाब दिया। फायरिंग बंद होने के बाद जब पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची तो वहां पर सात नक्सलियों के शव पड़े थे। इनमें से तीन महिला नक्सली भी थी। पुलिस ने वहां से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किये हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी चल रहा है।

बता दें कि बुधवार को भी छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमावर्ती राजनांदगांव जिले के औंधी क्षेत्र के कुंडाल की पहाड़ियों में एक मुठभेड़ में आईटीबीपी और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक महिला नक्सली को मार गिराया। था। राजनांदगांव के एएसपी (नक्सल प्रकोष्ठ) वाई.पी. सिंह ने घटना की पुष्टि की और बताया कि मारी गई महिला नक्सली औधी एलओएस की जरीना पर पांच लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा, “औंधी क्षेत्र में औंधी एलओएस की गतिविधियों की सूचना पर सर्चिग टीम को बुधवार तड़के ही कुंडाल की पहाड़ियों की ओर रवाना कर दिया गया था।” सिंह ने बताया, “कुंडाल की पहाड़ियों में औंधी एलओएस के शिविर होने के साथ ही सर्चिग टीम ने अपनी स्थिति मजबूत करते हुए घेराबंदी प्रारंभ कर दी। इसी दौरान नक्सली संतरी को आभास होने पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान लगभग एक घंटे तक गोलीबारी के बाद बल को हावी होते देख नक्सली बरसात के घने जंगल का फायदा उठाते हुए भागने में कामयाब हो गए।”

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