बीमार मां से पीछा छुड़ाने के लिए उसे कमरे में बंद कर भाग गया बेटा, NGO ने पुलिस के साथ बेहाल हालत में बाहर निकाला।
कुछ बेटे जवान हो जाने पर जिंदगी देने वाले मां-बाप को ही भूल जाते हैं। पिछले दिनों हैदराबाद में जहां एक बेटे ने बीमार मां से पीछा छुड़ाने के लिए अपनी मां को कमरे में बंद कर भाग गया बेटा, की सूचना पर पुलिस ने बाहर निकाला बीमार मां को बिल्डिंग से नीचे फेंक दिया था, वहीं राजस्थान के कोटा से भी एक ऐसी खबर आई है, जो आपको अंदर से हिला देगी। बीमार मां को बेटा कमरे में बंद कर चला गया। बूढ़ी मां भूखी-प्यारी बेहाल रहीं, मगर बेटे को कोई परवाह नहीं. सूचना पाकर एक एनजीओ ने पुलिस के साथ महिला को बाहर निकाला। महिला की देखभाल अब एनजीओ वाले कर रहे हैं।
यह मामला राजस्थान के कोटा जिले के कनवस गांव का है। जहां 70 साल की पन्नाबाई अबीर नामक महिला कमरे में बंद मिली। उनके दो बेटे हैं । उनके पति तीन साल पहले बड़े बेटे के साथ दूसरी जगह शिफ्ट हो गए। छोटे बेटे नरेंद्र के साथ पन्नाबाई गांव में रहती हैं। परिवार के पास 70 बीघा खेती की जमीन है। दोनों बेटो ने आधी-आधी जमीन ली है। मगर कुछ दिनों से छोटे बेटे नरेंद्र घर में मां को अकेले छोड़कर चले गए। पड़ोसी खाना दे देते थे मगर जब वे नहीं होते थे तो महिला को भूखे पेट सोना पड़ता था। सूचना कर अपना घर आश्रम नामक एनजीओ कर्मी पुलिस के साथ पहुंचे। एनजीओ के वालंटियर मनोज जैन बताते हैं कि-जब हमने बंद कमरे का दरवाजा खोला, कमरे में मल-मूत्र इधर-उधर बिखरा पड़ा था। महिला ठीक से हिल-डुल नहीं सकतीं थीं। लगता था जैसे वह बिस्तर पर पड़े होकर भगवान को पुकार रहीं हों।
उधर जब एनजीओ ने बड़े बेटे से संपर्क साधा तो उन्होने कहा कि छोटे भाई नरेंद्र ने मां की देखभाल की जिम्मेदारी ली थी। मगर इस हाल में मां के होने की जानकारी बहुत दुखद है। मां की देखभाल के लिए नरेंद्र ने घर पर एक केयरटेकर को लगाया था। मगर लगता है कि केयरटेकर ने ध्यान नहीं दिया। बड़े बेटे ने कहा मां को इस हालत में पाकर वह दुखी है। अपनी मां को वे घर लाएंगे। एनजीओ के मुताबिक महिला की बीमारी के मद्देनजर डॉक्टरों से इलाज कराया जा रहा है।